बिलासपुर (खबरगली)। छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य जंगल को खनन परियोजनाओं से बचाने के लिए ग्रामीणों की कानूनी लड़ाई को बड़ा झटका लगा है। मिली जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने बुधवार को भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली ग्रामीणों की याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इससे ही जुड़े एक मामले में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और परसा केते कॉलरीज को नोटिस जारी किया है। इनसे चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है।
सुप्रीम कोर्ट जाएगा भूमि अधिग्रहण का मामला
परसा कोयला खदान से प्रभावित ग्रामीणों ने पिछले साल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि सरकार ग्राम सभा की सहमति के बगैर जमीनों का अधिग्रहण कर रही है। यह भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन है। इसके लिए सरकार कोल बेयरर एक्ट का उपयोग कर रही है जो नए भूमि अधिग्रहण कानून के बाद से प्रभावी नहीं है। ऐसे में भूमि अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया को रद्द किया जाए। बुधवार को उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
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