पंजीकरण के दौरान पेश किए गए दस्तावेजों से कई खुलासे हुए
इंटरनेशनल डेस्क (khabargali) दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है और सभी देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। रूस ने कोरोना वायरस की दुनिया की पहली वैक्सीन बनाने का दावा किया है। गुजरे मंगलवार को रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया कि रूस ने दुनिया की पहली सफल कोरोना वायरस वैक्सीन बना ली है, जिसे रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। बता दें कि पुतिन ने बताया कि उनकी बेटी को मंगलवार को पुतिन ने ऐलान किया कि इसे रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। साथ ही पुतिन ने कहा कि उनकी बेटी ने भी इस वैक्सीन को लिया है। उसे कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था, जिसके बाद उसे ये नई वैक्सीन दी गई, कुछ देर के लिए उसका तापमान बढ़ा लेकिन अब वो बिल्कुल ठीक है।
समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक, इस वैक्सीन को मॉस्को के गामेल्या इंस्टीट्यूट ने डेवलेप किया है जिसे रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को सफल करार दिया। इसी के साथ पुतिन ने ऐलान किया कि रूस में जल्द ही इस वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा और बड़ी संख्या में वैक्सीन की डोज़ बनाया जाएगा। पुतिन ने कहा कि आम लोगों को जनवरी में वैक्सीन दी जाएगी।
दस्तावेजों से कई खुलासे हुए हैं
वहीं अब इसके पंजीकरण के दौरान पेश किए गए दस्तावेजों से कई खुलासे हुए हैं। वैक्सीन के पंजीकरण से पहले से ही तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी आदि देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिक वैक्सीन पर आपत्ति जता चुके हैं। अब इसके पंजीकरण के दौरान पेश किए गए दस्तावेजों से कई खुलासे हुए हैं। दस्तावेजों के अनुसार, वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर पूरी क्लीनिकल स्टडी हुई ही नहीं। ट्रायल के दौरान 42 दिन में केवल 38 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की खुराक दी गई, जबकि ट्रायल के तीसरे चरण पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
144 तरह के साइडइफेक्ट दिखे
रूस का दावा था कि वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं, जबकि पंजीकरण के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेज बताते हैं कि 38 में से 31 लोगों में 144 तरह के साइडइफेक्ट दिखे। वहीं WHO को भी रूस की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। WHO का भी कहना है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है।
वैक्सीन बनाने में कई देश जुटे हैं
वैक्सीन बनाने में अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, चीन, रूस, भारत जैसे देश शामिल हैं. भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन अभी ह्यूमन ट्रायल स्टेज में है, ये वैक्सीन बनाने की दूसरी स्टेज है। ऐसे में रूस की दवा अगर सफल रहती है तो यह दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन होगी और WHO की ओर से इस वैक्सीन को मंजूरी मिलती है तो यह लोगों के लिए भी बड़ी राहत होगी।
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