शिंदे गुट ने दावा किया - 'जल्द वापस आएंगे महाराष्ट्र, हम फ्लोर टेस्ट को तैयार'
राज ठाकरे की पार्टी की भी हुई एंट्री
मुंबई (khabargali) महाराष्ट्र का सियासी संग्राम फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. अब मामता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे मोर्चे पर डटे हुए हैं. उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी तेवर दिखाए हैं. इस बीच, महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा की भी एंट्री हो गई है. केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है. चर्चा है कि इस सियासी संग्राम में अब मनसे की भी एंट्री हो गई है. विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि शिंदे गुट के सामने अगर मर्जर करने की नौबत आती है तो वे राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस में शामिल हो सकते हैं. शिंदे कैंप इस ऑप्शन पर भी विचार कर रहा है.
शिंदे खेमे का बड़ा दावा
वहीं इस बीच शिंदे खेमे के विधायक दीपक केसरकर ने बड़ा दावा किया है. केसरकर ने कहा अभी महाराष्ट्र के एक से दो विधायक और आएंगे और हमारे साथ जुड़ेंगे. इन विधायकों के समर्थन और निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद हमारी संख्या 51 हो जाएगी. इसके बाद हम 3-4 दिनों में किसी निर्णय पर पहुंचेंगे जिसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र वापस जाएंगे. केसरकर ने आगे बताया, शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के सभी विधायक किसी भी समय महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एकनाथ शिंदे समूह को मान्यता दी जानी चाहिए. हम किसी भी सूरत में महाविकास अघाड़ी सरकार के साथ नहीं जाएंगे.
शिंदे गुट अगर मनसे में गया तो क्या होगा?
शिंदे गुट का अगर राज ठाकरे की पार्टी में अगर विलय हुआ तो हिंदुत्व, ठाकरे और बाला साहब ठाकरे की विरासत भी मिल सकती है. बता दें कि, महाराष्ट्र विधानसभा में एमएनएस का एक विधायक है. राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव में एमएनएस के विधायक ने हिंदुत्ववादी बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था.
शिवसेना ने बागी विधायकों को लेकर दिया नोटिस
आपको बता दें कि, रविवार को शिवसेना के अनुरोध पर बागी विधायकों को महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर की ओरे से इस बात का नोटिस जारी किया गया कि सभी बागी विधायक 27 जून यानि कि सोमवार तक अपना जवाब दाखिल कर दें. आपको बता दें कि शिवसेना ने बागी नेता एकनाथ शिंदे सहित कुल 16 बागी विधायकों को महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर से निलंबित करने की सिफारिश की है. देश के मशहूर वकील हरीश साल्वे एकनाथ शिंदे की तरफ से कल सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे. शिंदे गुट ने हरीश साल्वे को उनका केस लड़ने के लिए चुना है. वहीं, शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश होंगे. वहीं, डिप्टी स्पीकर की तरफ से एडवोकेट रवि शंकर जंध्याला केस लड़ेंगे. जबकि महाराष्ट्र सरकार की ओर से देवदत्त कामत दलीलें देंगे.
स्पीकर के नहीं होने पर डिप्टी स्पीकर के पास है अधिकार
महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर देवदत्त कामत ने कहा कि सभी 16 विधायक अयोग्य करार दिए जाएंगे. कामत ने बताया कि भारतीय संविधान के तहत अगर स्पीकर उपस्थित नहीं हो तो डिप्टी स्पीकर को इस बात की इजाजत है कि वो ऐसे मामलों में निर्णय ले सके. आपको बता दें कि विद्रोहियों द्वारा एक अनधिकृत ईमेल के माध्यम से अविश्वास प्रस्ताव भेजा गया था. बागी विधायक शिंदे गुट ने कहा- हम इसे कोर्ट में देंगे चुनौती वहीं डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी किए गए इस नोटिस पर बागी नेता एकनाथ शिंदे गुट ने कहा कि हम शिवसेना से बाहर नहीं निकले हैं, हम शिवसेना में ही हैं. हमारे पास दो तिहाई बहुमत है और हमें दल-बदल कानून से डराने की कोशिश नहीं करें. शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर के निर्णय को कोर्ट में चैलेंज करने की बात कही थी.
- Log in to post comments