मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया को ED ने किया गिरफ्तार, न्यायालय में किया पेश, चार दिन की रिमांड पर गई जेल

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नाटकीय तरीके से हुई सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। इसके बाद ईडी ने उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को चार दिन तक ईडी की रिमांड में सौंप दिया है। ईडी ने दस दिन की रिमांड की मांग की थी। करीब ढाई घंटे की बहस के बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया।जानकारी के मुताबिक छह तारीख को शाम पांच बजे ईडी कोर्ट में सौम्या को पेश किया जाएगा। इस बीच चार दिन तक सौम्या ईडी की रिमांड पर हिरासत में रहेंगी। कोर्ट ने महिला मानवाधिकार की गाइडलाइन का पालन किए जाने की शर्त पर रिमांड दी है। और पूछताछ अधिवक्ता की उपस्थति में करने कहा है।

मेडिकल जांच करने के बाद सीधे कोर्ट ले गए-

ईडी ने सौम्या चौरसिया को शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे पूछताछ के लिए टिकरापारा स्थित दफ्तर में बुलवाया। इस दौरान उसे हिरासत में लेने के बाद आंबेडकर अस्पताल लेकर गए। जहां मेडिकल जांच करने के बाद सीधे कोर्ट ले गए। जहां गिरफ्तार दिखाने के बाद पूछताछ करने रिमांड पर आवेदन लगाया गया। 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को किया तैनात- सौम्या को पेश करने के बाद कोर्ट परिसर और उसके आसपास के क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। रायपुर एसडीएम और तहसीलदार से लेकर पुलिस के आलाधिकारी तैनात थे। वहीं 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने यह कहा-

सौम्या चौरसिया और उनके अधिवक्ताओं ने बताया कि ईडी जानबूझकर उसे परेशान कर रही है। ईडी ने उसके पक्षकार को पूछताछ के लिए 4 बार बुलवाया है। लेकिन, उपस्थिति दर्ज कराने के बाद भी उससे पूछताछ नहीं की गई। और आज बुलाकर सीधा गिरफ्तार किया गया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सौम्या के खिलाफ लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। ईडी जिस जमीन की बात कर रही है वह उनके परिवार वालों के नाम है। उन्होंने पुश्तैनी जमीन को बेचकर नए स्थान पर खरीदी है। ईडी मनीलॉन्ड्रिंग के जरिए खरीदने का झूठा आरोप लगा रही है। इन पुरानी जमीनों को नई दर पर वैल्युएशन किया जा रहा है। जबकि आयकर विभाग को इसका ब्यौरा दिया जा चुका है। ईडी छापेमारी करने के बाद से 200 करोड़ रुपए की मनीलॉन्ड्रिंग का आरोप लगा रही है। जबकि उनसे पास कोई दस्तावेज नहीं है। करीब पौन घंटे तक दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

ईडी के टारगेट में कोयला और रेत का कारोबार करने वाले लोग ज्यादा-

इससे पहले अक्तूबर महीने में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रायपुर के सयाजी होटल में डेरा जमाया था। होटल को ही अपना कैंप ऑफिस बना लिया था। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कार्रवाई के बीच माइनिंग डायरेक्टर जेपी मौर्य को कैंप ऑफिस ले जाया गया था। इसके बाद चिप्स (छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी) के सीईओ समीर विश्नोई और उनकी पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। यह भी बताया गया था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओएसडी सौम्या चौरसिया से भी पूछताछ की गई थी। वहीं ईडी द्वारा पूर्व की कार्रवाई में एक आईएएस अफसर के घर से चार करोड़ कैश, सोना और करोड़ों की ज्वैलरी बरामद की थी। हालांकि अफसर का नाम सामने नहीं लाया गया था, इसके बाद शाम तक दिल्ली से ईडी के अन्य अफसर भी रायपुर पहुंचे थे। बताया गया था कि CRPF के करीब 200 जवान और छत्तीसगढ़ पहुंचे थे। ईडी के टारगेट में कोयला और रेत का कारोबार करने वाले लोग ज्यादा हैं।

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