नई दिल्ली (khabargali) पिछले दिनों स्कूल फीस को लेकर प्रबंधन और पालकों में टकराव की खबरें देश भर से आती रहीं। पालकों का कहना है कि जब बच्चे स्कूल ही नहीं गए तो फीस किस बात की। वहीं स्कूल प्रबंधन के अलग तर्क आते रहे। निजी स्कूलों की फीस को लेकर मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कमर कस ली है।
नई गाइडलाइन जारी
मध्यप्रदेश सरकार की स्कूलों को लेकर बनाई गई नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर निजी स्कूल संचालकों ने ज्यादा फीस वसूली तो छह लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही इनकी मान्यता भी निरस्त कर दी जाएगी। मध्यप्रदेश सरकार ने निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर सख्ती करने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत अब कोई भी स्कूल संचालक दस फीसद से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकेगा। फीस जमा कराने के लिए सभी निजी स्कूलों को एक अलग बैंक खाता खोलना होगा। इसकी जानकारी सभी निजी स्कूलों को राज्य सरकार को समय-समय पर देनी होगी।
सरकारी गजट में भी प्रकाशन
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने, मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम 2017 का इस्तेमाल करते हुए नए दिशा–निर्देश जारी कर दिए हैं। इसका सरकारी गजट में भी प्रकाशन कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल संचालकों से साल 2017 से लेकर अब तक तीन साल की बैलेंस शीट भी मांगी है। इसके आधार पर विभाग स्कूलों द्वारा तीन साल में ली गई फीस की समीक्षा भी करेगा। मनमाने तरीके से बच्चों से फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ आंकड़ा जुटाकर सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
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