प्रदेश सरकार ‘वामपंथ-प्रेरित’ कुटिल राजनीति कर उन्हीं कामों के लिए केंद्र को पत्र लिख रही है, जो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने शुरू किया था : भाजपा

Shiv ratan sharma bjp Spock's man, khabargali

केंद्रीय गृह मंत्री शाह को लिखे पत्र के लिए प्रवक्ता व विधायक शिवरतन ने मुख्यमंत्री बघेल पर किया तीखा हमला

रायपुर (khabargali) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बस्तर के युवाओं के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की एक अतिरिक्त बस्तरिहा बटालियन का गठन करने और बस्तर क्षेत्र में मोबाइल टॉवर्स के काम को गति देने की मांग करने को उनकी राजनीतिक कुटिलता की पराकाष्ठा बताया है। श्री शर्मा ने कहा कि क़दम-क़दम पर धोखाधड़ी और वादाख़िलाफ़ी करने वाली प्रदेश सरकार पहले तो प्रतिशोध की राजनीति करके प्रदेश को विकास और जनकल्याण की सुविधाओं से वंचित करती रही और अब ‘वामपंथ-प्रेरित’ कुटिल राजनीति करके केंद्र सरकार को उन्हीं कामों को करने के लिए पत्र लिख रही है, जो केंद्र सरकार और प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने शुरू किया था। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में राजनीतिक तौर पर इन योजनाओं के ख़िलाफ़ विष-वमन करती है और केंद्र से उन्हीं योजनाओं पर काम करने को पत्र लिखकर झूठी वाहवाही बटोरने की शर्मनाक कुटिल राजनीति कर रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि बस्तरिहा बटालियन के गठन व उसमें बस्तर संभाग के चार ज़िलों के 744 युवकों की भर्ती में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रयासों को नकारा नहीं जा सकता। झीरम घाटी की नक्सली वारदात के सबूत दबाए बैठे मुख्यमंत्री बघेल अब किस मुँह से नक्सली उन्मूलन के लिए एक अतिरिक्त बस्तरिहा बटालियन की मांग कर रहे हैं? भाजपा शासनकाल में नक्सली उन्मूलन की दिशा में जितने ठोस व सार्थक काम हुए, उन तमाम उपलब्धियों को कांग्रेस की सरकार के आते ही पलीता लगाने का काम शुरू हो गया और प्रदेश में नक्सलवाद फिर से फन फैलाने लगा है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में नक्सलवादी कांग्रेस की सरकार को ‘अपनी सरकार’ बता रहे हैं और इसीलिए उनके हौसले बुलंद हैं, तो फिर प्रदेश सरकार कौन-से नक्सलियों ले लड़ने की बात कर रही है? अब तो मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश को यह बताएँ कि कांग्रेस शासन में बढ़ चली इन नक्सली वारदातों के रिश्ते को क्या नाम दिया जाए?

श्री शर्मा ने कहा कि नक्सलियों के साथ खड़ी दिकने वाली कांग्रेस की प्रदेश सरकार अब नक्सलियों से लड़ने की बात कहकर और चिठ्ठी लिखकर प्रदेश को गुमराह कर रही है। कांग्रेस शासनकाल में शायद ही कोई महीना ऐसा बीता हो कि कोई नक्सली वारदात न घटी हो। बीजापुर, दंतेवाड़ा और काँकेर ज़िलों में जनअदालत लगाकर और मुख़बिरी का शक़ जताकर नक्सलियों ने पिछले एक पखवाड़े में 06 निहत्थे लोगों की निर्मम हत्या कर दी जिनमें 03 पुलिस के जवान थे। नक्सलियों ने इस दौरान मौज़ूद महिलाओं को भी जमकर पीटा।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को अब जाकर बस्तर में मोबाइल टॉवर्स की फिक्र हुई है। जब पूर्ववर्ती प्रदेश भाजपा सरकार ने स्काय योजना के तहत बस्तर को टेलिकम्युनिकेशन के मामले में तमाम अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने का काम किया, रेल और सड़क परिवहन की बेहतर सुविधा से बस्तर को जोड़ा और बस्तर के बच्चों और युवाओं को तकनीक से जोड़ा, तो विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस नेताओं ने न केवल उसका विरोध किया, अपितु स्काय योजना को बंद कर लाखों मोबाइल सैट्स को सड़ाने का काम किया, जबकि आज समय इस बात की साक्षी दे रहा है कि भाजपा शासनकाल की यह योजना ही आज न केवल बस्तर, अपितु पूरे प्रदेश के सुदूरवर्ती गाँवों के बच्चों ऑनलाइन पढ़ाई का सहारा बनी हुई है।

श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार कुटिलता और नफ़रत की राजनीति से बाज आए। केंद्र सरकार तो हर क़दम पर प्रदेश सरकार को सहयोग कर ही रही है। प्रदेश सरकार ने तीन महीने और मुफ्त अनाज देने केंद्र से कहा और केंद्र ने पाँच माह का राशन प्रदेश को दे दिया। अब यह प्रदेश सरकार की राजनीतिक हठवादिता और सत्तावादी अहंकार का परिचायक है कि वह इस अनाज का उठाव तक नहीं कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री बस केंद्र सरकार से जब-तब पैसे और कर्ज़ मांगते रहते हैं और अब केंद्र सरकार कर्ज़ लेने को कह रही है तो प्रदेश सरकार फिर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ प्रलाप पर उतर आई है। जब-तब करोड़ों रुपए केंद्र सरकार से मांगती रहने वाली प्रदेश सरकार से जब केंद्र ने 120 करोड़ रुपयों के ख़र्च का हिसाब मांगा तो प्रदेश सरकार वह हिसाब देने में आनाकानी क्यों कर रही है?