
रायपुर (खबरगली) आज स्पेस डे है। इस मौके पर एक अच्छी खबर ये है कि राजधानी में 5 से 8 नवंबर तक इसरो की विक्रम साराभाई स्पेस एग्जीबिशन लगेगी। आयोजन का फोकस इनईपी 2020 के विजन को छात्रों तक पहुंचाने के साथ स्पेस साइंस के लाइव मॉडल, रॉकेट-सैटेलाइट प्रोटोटाइप और मिशन डिस्प्ले के माध्यम से विद्यार्थियों व शिक्षकों में जिज्ञासा जगाना है। स्पेस एग्जीबिशन को 9 नवंबर तक लगेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें। साथ ही पहली नेशनल टीचर्स साइंस कॉन्फ्रेंस (एनटीएससी) भी आयोजित की जाएगी। रायपुर के सरकारी-निजी स्कूलों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को स्पेस एग्जीबिशन व इंटरएक्टिव मॉडल्स देखने, प्रश्न पूछने और विज्ञान-कॅरियर पर मार्गदर्शन पाने का अवसर मिलेगा।
इसरो के वैज्ञानिक
एग्जीबिशन में इसरो के 10 से 12 विशेषज्ञ वैज्ञानिक भाग लेंगे। इसमें डॉ. निलय देसाई का नाम प्रमुख है। टीम अंतरिक्ष यान, प्रोपल्शन, सैटेलाइट संचार और चंद्रयान-सबंधित मॉडलों के साथ हैंड्स-ऑन डेमो देगी, जिससे स्कूल-कॉलेज के छात्र नजदीक से स्पेस टेक्नोलॉजी को समझ सकेंगे। इसरो के वरिष्ठ (सेवानिवृत्त) वैज्ञानिक एनजे भट्ट के मार्गदर्शन में टीचर-एक्टिविटी और साइंटिस्ट टॉक्स भी होंगी। यह कार्यक्रम राजधानी के एक निजी स्कूल में आयोजित किया जाएगा।
300 टीचर साझा करेंगे रिसर्च
इसमें देशभर से चयनित लगभग 300 शिक्षक ओरल, पोस्टर और डेमोंस्ट्रेशन के रूप में अपनी इनोवेटिव प्रैक्टिस और रिसर्च साझा करेंगे। प्रमुख सब-थीम—इंक्वायरी बेस्ड और एक्सपीरिएंशियल लर्निंग, स्थानीय ज्ञान, आईसीटी व डिजिटल टूल्स, कंपिटेंसी बेस्ड असेसमेंट और स्किल/वोकेशनल एजुकेशन के जरिये सीखने-सिखाने को प्रैक्टिकल और व करियर ओरिएंटेड बनाने पर जोर रहेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की पहल पर रीजनल साइंस सेंटर में शुक्रवार को दो दिवसीय कार्यक्रम शुरू हुआ। इस दौरान रविवि के पूर्व कुलपति प्रो. एसके पांडेय के विज्ञान व्यायान से हुई। उन्होंने इसरो के इतिहास, उपग्रहों की उपयोगिता, भारत की अंतरिक्ष यात्राओं, चंद्रमा अभियानों और गगनयान परियोजना की जानकारी दी। साथ ही इसरो की योजनाओं उन्नति, युविका सहित विभिन्न आउटरीच प्रोग्राम के बारे में बताया। इस दौरान अंतरिक्ष प्रदर्शनी, विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता और चंद्रयान आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहा।
55 विद्यार्थियों ने अभिनव मॉडल प्रस्तुत किए जिनमें इननोवेटिव ब्लिंक लिंक, स्पेस सूट, प्लानेट डिटेक्टर, स्मार्ट फार्मिंग टेक्नोलॉजी, द आइज इन द स्काई फॉर इंडियन फार्मर्स, चंद्रयान-3 लैंडर और रोवर मॉडल प्रमुख रहे। प्रदर्शनी एवं फिल्म का अवलोकन 500 से अधिक विद्यार्थियों ने किया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में जिज्ञासा जागृत कर उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति प्रेरित करना है।
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