
रायपुर (खबरगली) प्रदेश में हार्ट ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू होने की काफी संभावना है। इसी के मद्देनजर छत्तीसगढ़ कार्डियक सर्जन व कार्डियक एनेस्थेटिस्ट एसोसिएशन ने सेमिनार का आयोजन किया। इसमें अहमदाबाद से सिम्स हॉस्पिटल के जाने-माने हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. धीरेन शाह शामिल हुए। वे अब तक 60 से अधिक हार्ट एवं लंग्स ट्रांसप्लांट कर चुके हैं। वे गुजरात में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी के पॉयनियर भी हैं।
छत्तीसगढ़ के हार्ट सर्जन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू और सेक्रेटरी डॉ. अरुण अंडप्पन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हार्ट ट्रांसप्लांट शुरू करना अतिआवश्यक है। दरअसल यहां पर ऐसे काफी मरीज आते हैं, जिनकी हार्ट की पंपिंग 15 या 20 फीसदी होती है। सामान्य भाषा में इसे हार्ट फेल्योर भी कहा जाता है। ऐसे में किसी जरूरतमंद को किसी दुर्घटनाग्रस्त या ब्रेन डेड मरीज का हार्ट मिल जाए तो जिंदगी संवर सकती है। डॉ. शाह ने बताया कि एक 16 वर्षीय लड़की की कोरोना वायरस से इंफेक्शन के बाद वायरल मायो कार्डाइटिस हो गया था।
इसके कारण हार्ट मात्र 10 से 15 फीसदी कार्य कर रहा था। उस मरीज को किसी 49 वर्षीय ब्रेनडेड मरीज का हार्ट मिल गया। वह लड़की सभी काम सामान्य तरह से कर रही है। कई बार ऐसे मरीजों को एक्मो मशीन के सहारे रहना पड़ता था, वह मरीज आज अपना सामान्य काम कर रहे हैं। यहां तक की डांस, साइकलिंग सब कर लेते हैं तो मन में परम संतुष्टि की अनुभूति होती है। छत्तीसगढ़ में हार्ट फेल्योर का सबसे बड़ा कारण है, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, जन्मजात हृदय रोग, वॉल्व डिजीज और डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी है।
ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी लाइसेंस लेने की जरूरत
डॉ. शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बहुत से ऐसे हॉस्पिटल है, जहां पर हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। इसके लिए लाइसेंस लेने की जरूरत होती है। संस्था के साथ-साथ हार्ट सर्जन और कार्डियक एनेस्थेटिक को इसकी ट्रेनिंग भी लेनी पड़ती है। टीम में सर्जन के अलावा काउंसलर, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, पोस्ट ऑपरेटिव मैनेजमेंट एवं इम्यूनोथेरेपी की आवश्यकता होती है। वर्तमान में एम्स व नवा रायपुर सत्य साईं व कुछ एक अस्पताल को हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए लाइसेंस प्राप्त है। छत्तीसगढ़ में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए आयुष्मान में विशेष पैकेज भी उपलब्ध है।
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