
रायपुर (khabargali) पिछले 10 साल से राजधानी के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर खड़ा बांग्लादेशी विमान पूरी तरह जर्जर हो गया है। इधर, किराया बढ़कर 5 करोड़ तक पहुंच गया है। इतने सालों में धूप और बारिश की मार सहते हुए उसके टायरों की हवा तक निकल गई है। उसकी हालत अब ऐसी हो गई है कि चिडिय़ों ने अपना बसेरा बना लिया है और पक्षियों का कुनबा फलफूल रहा है।
इसे वापस भेजने के लिए रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी 10 से अधिक ईमेल और पत्र बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरवेज कंपनी को भेज चुकी है लेकिन, कोई जवाब नहीं आया है। इसकी नीलामी के लिए और केंद्रीय विमानन मंत्रालय को लिखा गया है। इसकी अनुमति मिलते ही पार्किंग शुल्क वसूल किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों और इंजीनियरों का कहना है कि किसी भी मशीनरी सामान का लंबे समय तक उपयोग और देखरेख नहीं करने से इंजन बैठ जाता है। वहीं एक ही स्थान पर खड़े रहने के कारण लाइट के उड़ान भरने की क्षमता पर संदेह है।
बांग्लादेश से कोई जवाब तक नहीं मिला बंद हो चुकी है कंपनी
रायपुर एयरपोर्ट के प्रभारी डायरेक्टर केके लहरे का कहना है कि बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरवेज कंपनी नुकसान होने और तकनीकी खराबी के चलते लाइटों के ग्राउंट होने के बाद 2016 में बंद हो चुकी है। कामकाज समेटने के कारण कंपनी द्वारा कोई जबाव नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि विमान का क्या करना है। दोनों देशों के बीच उच्चस्तर पर चर्चा होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि विमान का क्या करना है।
स्वामी विवेकानंद विमानतल के अधिकारियों का कहना है कि अब हायर लेवल पर लीगल निर्णय होगा। भारत का पहला मामला है कि किसी+ विदेशी एयरलाइन का विमान एयरपोर्ट में इतने लंबे समय से खड़ा है। इसकी सूचना देने के बाद भी बंग्लादेश सरकार और एयरक्राट कंपनी की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। विमान का आगे क्या करना है इसके संबंध में डीजीसीए निर्णय लेगा। बता दें कि 2019 में बांग्लादेश यूनाइटेड एयरवेज के इंजीनियर की टीम ने विमान को ठीक कराने की कोशिश कर 300 मीटर विमान को खिसकाया भी गया। इसके बाद आज तक विमान की सुध लेने तक नहीं आया।
7 अगस्त को गिरा था विमान का पैनल
बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरवेज कंपनी का मैकडॉनल डगलस (एमडी83) एयरक्राट 7 अगस्त 2015 को ढाका से 173 यात्रियों को लेकर मस्कट जा रहा था। इस दौरान बेमेतरा के पास 32000 फीट की उंचाई से विमान में इंजन और पंखों में खराबी आने के साथ ही पैनल गिरने पर उसे आपात स्थिति में रायपुर एयरपोर्ट में उतारा गया। इसके बाद दूसरे विमान से यात्रियों को मस्कट के लिए रवाना किया गया। तब से यह विमान एयरपोर्ट के पार्किंग एरिया में खड़ा है।
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