World No-Tobacco Day 2022: हृदय-फेफड़े से लेकर कैंसर तक, हर दिन के साथ स्वास्थ्य जोखिम बढ़ाती है धूम्रपान

World No-Tobacco Day 2022,

 निकोटीन की आदत सेहत के लिए बेहद हानिकारक, हो सकता है लिवर, मुंह, कोलन और गर्भाशय का कैंसर

तंबाकू के नशे से मुक्ति के लिए 25 जिला अस्पतालों में टोबैको सिसेशन सेंटर, पिछले साल 1946 लोगों ने छोड़ा नशा

31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस, जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम होंगे आयोजित 

रायपुर (khabargali) रायपुर. 30 मई 2022. तंबाकू या इससे बने पदार्थों में मौजूद निकोटीन सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। इसका सेवन लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय के कैंसर सहित अनेक गंभीर रोगों को आमंत्रित करता है। तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है, यह जानते हुए भी दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू या इससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। लोगों को तंबाकू के सेवन से रोकने और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आह्वान पर वर्ष 1988 से इसे हर वर्ष मनाया जा रहा है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस इस साल पूरी दुनिया में “पर्यावरण बचाएं (Protect the Environment)” की थीम पर मनाया जा रहा है।

तंबाकू सेवन से इन बीमारियों का है खतरा

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि तंबाकू का सेवन कई बीमारियों का कारण बनता है। इनमें दीर्घकालिक अवरोधक फेफड़ों संबंधी बीमारी (सीओपीडी), फेफड़े का कैंसर, हृदयाघात, स्ट्रोक, दिल की बीमारी, वातस्फीति, विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं। निकोटीन की आदत स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। तंबाकू या इससे निर्मित पदार्थों का हमें कदापि सेवन नहीं करना चाहिए।

डॉ. जैन ने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तंबाकू के इस्तेमाल एवं इससे होने वाली स्वास्थ्यगत समस्याओं के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग एवं विभिन्न सार्वजनिक संगठनों के माध्यम से राज्य में जिला स्तर पर सार्वजनिक मार्च, प्रदर्शनी, बैनर, धुम्रपान रोकने और छोड़ने के लिये आम जनता से सीधा संवाद, तंबाकू निषेध क्रिया-कलाप, स्वास्थ्य शिविर, रैली, लोककला के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम इत्यादि आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में तंबाकू के नशे से मुक्ति के लिए 25 जिला अस्पतालों में टोबैको सिसेशन सेंटर (Tobacco Cessation Center) की स्थापना की गई है। इन सेंटर्स में नशामुक्ति के लिए निःशुल्क काउंसलिंग एवं उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में विशेष तौर पर प्रशिक्षित 60 डेंटल सर्जनों द्वारा तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए गैर-औषधीय परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में इन केंद्रों के माध्यम से 1946 लोगों ने अपने नशे की आदत पर विजय पाई है। 

कोटपा एक्ट के तहत सार्वजनिक क्षेत्रों में धूम्रपान करना तथा तंबाकू या इससे बने उत्पाद बेचना वर्जित

प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण एक्ट (कोटपा) के तहत सार्वजनिक क्षेत्रों में धूम्रपान करना तथा तंबाकू या इससे बने उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। इस एक्ट की अवहेलना करने वाले दुकानदारों व सार्वजनिक क्षेत्र में धूम्रपान करने वालों पर नगर निगम, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई की जा रही है। राज्य में तंबाकूमुक्त युवा पीढ़ी के निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकूमुक्त बनाने शैक्षणिक संस्थाओं के 100 मीटर के दायरे में ‘येलो लाइन (Yellow Line)’ बनाकर अभियान भी चलाया जा रहा है। इस 100 मीटर ‘येलो लाइन’ के दायरे में यह सुनिश्चित किया गया है कि वहां तंबाकू उत्पादों की बिक्री और इस्तेमाल न हो।

जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन छत्तीशगढ़ के द्वारा 31st मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे पर मेकाहारा में मरीजों और उनके परिजनों को धूम्रपान और तम्बाखू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया, और धूम्रपान से दूर रहने की अपील की। जुडो के प्रेजिडेंट डॉ प्रेम चौधरी ने बताया कि तंबाकू उत्पाद, दुनियाभर में तेजी से बढ़ती कई गंभीर बीमारियों के प्रमुख कारण के रूप में जाने जाते हैं। विशेषकर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ धूम्रपान को सबसे खतरनाक मानते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिवर्ष 5 लाख से अधिक मौतों के लिए धूम्रपान को जिम्मेदार माना जाता है। भारत के नजरिए से भी यह तेजी से बढ़ती समस्या है।

तंबाकू उत्पाद कैंसर, फेफड़े की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। भारत में तंबाकू के सेवन के कारण हर साल प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1.35 मिलियन मौत हो जाती हैं। जुडो के वाईस प्रेजिडेंट डॉ गौरव सिंह परिहार ने बताया कि धूम्रपान कई प्रकार से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, इससे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को भी क्षति पहुंचने का खतरा रहता है। निकोटीन, रक्त वाहिकाओं में कसाव का कारण बनता है, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा धूम्रपान रक्तचाप को भी बढ़ा देता है जिससे रक्त वाहिकाओं की दीवार कमजोर हो जाती है, रक्त के थक्के बढ़ने का भी खतरा रहता है। हृदय की सेहत के लिए धूम्रपान को गंभीर खतरे के तौर पर देखा जाता है।

इस दौरान जुडो के सेक्रेट्री डॉ अमन अग्रवाल,वाईस प्रेजिडेंट डॉ व्योम अग्रवाल,डॉ प्रीतम प्रजापति और सभी मेंबर्स उपस्थित रहे तथा मरीजो को शपथ दिलाई कि वो इन लतो से दूर रहेंगे।