रत्न

khabargali। ज्योतिष एक उत्कृष्ट शास्त्र होने के बावजूद सभी के लिये लाभकारी नहीं बन पाया, किसी की कुंडली सही नहीं किसी को जन्म समय याद नहीं तो कोई अपनी कुंडली लेकर पंडित और पुजारी के पास चला गया जो कि ज्योतिषाचार्य ही नहीं और अपने अधूरे ज्ञान से लोगों को भ्रमित करते हैं पूजा पाठ (कर्मकांड) ओर ज्योतिष शास्त्र अलग- अलग ज्ञान है, किसी बिन्दू पर इनका मिलना एक अलग बात है। उक्त सभी समस्याओं का समाधान कुंडली व अंक विज्ञान के सहयोग से औरा (Aura) डेव्हलप कर बहुत बेहतर तरीके से किया जा सकता है, और परफेक्ट भी। ऊर्जा निरीक्षण की इस पद्धति से धारण किये गये धातु व रत्न के प्रभाव-दुष्प्रभा