नई दिल्ली(khabargali) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को नया संसद भवन समर्पित कर दिया है। नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह पूजा-पाठ से शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने भवन के निर्माण में लगे श्रमजीवियों को सम्मानित किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और हवन और पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने संसद भवन में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक सेंगोल स्थापित कर 20 पंडितों से आशीर्वाद लिया। सेंगोल स्पीकर के आसन के पास रखा गया है। उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने 75 रुपये का सिक्का जारी किया है। पीएम ने पूरे विधि-विधान से इसका उद्घाटन किया। नई संसद के पहले दिन पीएम मोदी ने मौजूद गणमान्य लोगों को संबोधित किया।
मोदी ने नई संसद में कहा कि जब भी इस संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी। यह सेंगोल हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है। भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का बहुत बड़ा आधार है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था ही नहीं, एक संस्कार है, एक विचार है, एक परंपरा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस महोत्सव में भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है।उन्होंने कहा कि साथियों ये सिर्फ एक भवन नहीं है। एक राष्ट्र के रूप में हम सभी के लिए 140 करोड़ का संकल्प ही इस संसद की प्राण प्रतिष्ठा है। यहां होने वाला हर निर्णय ही, आने वाले समय को संवारने वाला है। संसद की हर दीवार, इसका कण-कण गरीब के कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने आगे कहा कि संसद का यह नया भवन, भारत के सृजन का आधार बनेगा।
विशेष स्मारक डाक टिकट, 75 रुपये का सिक्का जारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर एक विशेष स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का जारी किया।उन्होंने नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में आयोजित उद्घाटन समारोह में सिक्का और डाक टिकट जारी किया।
23 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजित हुआ
नए संसद भवन का निर्माण क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है। इसे बनाने में 60 हजार श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। प्रबंधन से लेकर परियोजना से जुड़े मजदूरों तक 23 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजित हुआ। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि एक व्यक्ति अगर संसद भवन बनाने लगता तो उसे 23 लाख दिन काम करना पड़ता यानी कि 6312 साल लग जाते है। लेकिन इसका निर्माण कार्य जो कि दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था और करीब ढाई साल के समय में पूरा हो गया है। यह भी एक उपलब्धि है।
विपक्ष ने बताया लोकतंत्र के मंदिर का अपमान, राजद ने साझा की ताबूत और नए संसद भवन की तस्वीर
उद्घाटन समारोह का करीब 20 से अधिक विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था, जो कार्यक्रम में रविवार को शामिल भी नहीं हुआ। नेताओं ने केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं पर हमला किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "संसद लोगों की आवाज है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं।"कांग्रेस के एक नेता ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक शब्द नहीं कहा। वहीं टीएमसी सांसद ने पीएम मोदी के खिलाफ ट्वीट करते हुए कहा कि कैसे पीएम मोदी ने पिछले नौ सालों से संसद का मजाक उड़ाया है और उसका अपमान किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए भाजपा और पीएम पर हमला किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कि संसद जनता की आवाज है। प्रधानमंत्री ससंद के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं। राजद ने रविवार को नए संसद भवन की वास्तुकला की तुलना एक ताबूत से की, जिस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता राजद को ऐसे ही ताबूत में दफना देगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर ट्वीट कर नए संसद भवन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। उन्होंने ट्वीट किया, ''नई संसद के उद्घाटन का हक राष्ट्रपति जी से छीना, सड़कों पर महिला खिलाड़ियों को तानाशाही बल से पीटा! बीजेपी-आरएसएस के सत्ताधीशों के 3 झूठ अब देश के सामने बे-पर्दा हैं- 1. लोकतंत्र 2. राष्ट्रवाद 3. बेटी बचाओ. याद रहे मोदी जी, लोकतंत्र केवल इमारतों से नहीं, जनता की आवाज से चलता है।''
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