कोरोना गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां
गरियाबंद (khabargali) गरियाबंद जिला हॉस्पिटल कोरोना के लिये हॉट स्पॉट साबित हो रहा हैं क्योंकि यहां प्रबंधन नियमों की धज्जियां उड़ा सामान्य मरीजों के बीच कोरोना के मरीजों को बिना किसी कोरोना गाइडलाइन या प्रोटोकॉल के इलाज कर रहा हैं.नतीज़न 60-70 चिकित्सा कर्मचारी गरियाबंद जिले मे ही कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. इस मामले को देख कर यह अन्दाजा लगाया जा सकता है कि कमोबेश अन्य जिला अस्पतालों का भी यही हाल होगा.
मजबूरन कोरोना मरीजों को भर्ती कर रहे हैं
बहरहाल गरियाबंद जिला अस्पताल की बात करें तो यहाँ के आस पास के हॉस्पिटल CHC CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) और PHC ( प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ) के जिम्मेदार लोगों द्वारा यहां मरीजों को संदर्भित (reffered) किया जा रहा है. जिस पर मरीज के परिजन इसे कोविड सेंटर समझ यहां मरीज भर्ती कराने पहुँच रहे हैं और मरीजों को यहां भर्ती कराने आपातकाल मे परिजनों द्वारा नासमझी मे जिला अस्पताल मे कार्यरत कर्मचारी व अधिकारी पर दबाव बनाया जा रहा है. मजबूरन मरीजों को भर्ती कर लिया जाता हैं.
सामान्य और कोरोना मरीज एक साथ भर्ती
गरियाबंद जिला हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ रखा गया है क्योंकि यहां कोरोना मरीजों के लिए कोई आइसोलेशन वार्ड ही नहीं है. इन मरीजों को सामान्य वार्डों में अन्य मरीजों के साथ ही रखा जा रहा है और दोनों प्रकार के मरीजों के परिजन बिना रोक-टोक अस्पताल परिसर मे आना जाना कर रहे हैं. और तो और यहां सामान्य और कोरोना मरीज भी परिसर मे इधर उधर घूमते देखे जा सकते है. इन्ही सब वजहों से विगत कुछ दिनों में ही 60-70 चिकित्सा कर्मचारी इस जिले मे कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं.
कर्मचारियों की लिखित शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं
इन परिस्थितियों की प्रबंधन की जानकारी मे होते हुये भी उनके द्वारा अब तक किसी भी प्रकार का कोई सुरक्षात्मक कदम नही उठाया गया है. उल्लेखनीय है कि इसकी लिखित शिकायत जिला अस्पताल मे कार्यरत कर्मचारियों ने संबंधित प्रशासन से की है। इसके बावजुद भी प्रशासन इन सबसे बेखबर बना हुआ है. ख़बरगली के पास इन हालातों के वीडियो और फ़ोटो भी उपलब्ध हैं.
तस्वीरें गवाह हैं
स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा दी गई शिकायत
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