बड़ी खबर: पुलिस ने 4 गोलियाँ चलाई, 3 सीने पर लगी..यूं हुआ विकास दुबे का एनकाउंटर ..इससे पहले रोक दी गई थी सड़क पर आवाजाही..जानें सही घटनाक्रम

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि - कार नहीं पलटी, सरकार पलटने से बचाई गई.

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कानपुर (khabargali) कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने गुरुवार नौ जुलाई को उज्जैन से गिरफ़्तार किए जाने के बाद कानपुर लाया जा रहा था. गिरफ्तारी के 21घंटे के बाद विकास आज सुबह वह पुलिस की गोलियों से मारा गया. कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि चार पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं जिनका कानपुर के सीएचसी अस्पताल .(कम्युनिटी हेल्थ सेन्टर या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में उनका इलाज चल रहा है.

कानपुर पुलिस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में घटना के बारे में ये जानकारी दी गई है -

" विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस व एसटीएफ़ टीम आज दिनांक 10.07.2020 को कानपुर नगर लाया जा रहा था. कानपुर से 17 किमी पहले भौती इलाके में पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे अभियुक्त व पुलिसजन घायल हो गए. इसी दौरान अभियुक्त विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की." "पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने हेतु कहा गया किन्तु वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नीयत से फ़ायर करने लगा. पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गयी, विकास दुबे घायल हो गया, जिसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान अभियुक्त विकास दुबे की मृत्यु हो गई. मुठभेड़ में तीन सिपाही घायल हुए हैं जिन्हें मल्टीपल इंजरी हुई है. दो पुलिसकर्मियों को गोली छूकर निकल गई है और उनकी स्थिति स्थिर है."

हालांकि आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना का पूरा ब्यौरा देने के लिए पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी और तभी सबकुछ बताया जाएगा.

डॉक्टरों ने ये कहा

डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल लाने से पहले ही विकास दुबे की मौत हो चुकी थी. कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आरबी कमल ने पत्रकारों से कहा,"विकास दुबे को चार गोलियाँ लगी थीं. तीन गोली सीने में और एक हाथ में. विकास दुबे को मरी हुई हालत में लाया गया था."

पुलिस के अनुसार शुक्रवार,10 जुलाई को ऐसा रहा घटनाक्रम

देर रात 3:15 बजे:एसटीएफ की टीम झांसी पहुंची. कुछ देर बाद कानपुर के लिए रवाना हुई.

सुबह 6:15 बजे:काफिले ने कानपुर देहात बॉर्डर रायपुर से शहर में एंट्री की.

सुबह 6:30 बजे:एसटीएफ की गाड़ी पलटी. तभी विकास दुबे ने भागने की कोशिश की. फायरिंग शुरू हुई. विकास जख्मी हो गया.

सुबह 7:10 बजे:एसटीएफ विकास को हैलट अस्पताल लेकर पहुंची.

सुबह 7.55 बजे:विकास को मृत घोषित कर दिया गया.

एनकाउंटर से कुछ देर पहले ही रोक दी गई थी सड़क पर आवाजाही

बहरहाल बता दें कि सुबह मीडिया की गाड़ियों को एनकाउंटर वाली जगह से पहले रोक दिया गया था. मीडिया की गाड़ियों को रोकने के बाद पुलिस का काफिला आगे बढ़ा और थोड़ी ही दूरी पर एक्सीडेंट हुआ और फिर एनकाउंटर हो गया. कई मीडिया वालों की गाड़ी विकास दुबे को लेकर उत्तर प्रदेश आ रही गाड़ियों के काफिले के ठीक पीछे चल रही थी.

इन्होंने  उठाया सवाल

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि - कार नहीं पलटी, सरकार पलटने से बचाई गई. मायावती ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की है. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या? जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई राजनेताओं ने भी विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत पर सवाल उठाए हैं.

कानून ने अपना काम किया है :नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री, एमपी

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने इस मुठभेड़ पर सवाल उठाने वाले लोगों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा,"अफ़सोस और मातम की बात उन लोगों के लिए होगी जो कल कह रहे थे कि ज़िंदा क्यों पकड़ा और आज कह रहे हैं कि मर क्यों गया. कई राज़ दफ़न हो गए. ये वो लोग हैं जो कल कुछ और कह रहे थे और आज कुछ और."

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