बड़ी खबर: राजधानी के दवा दुकानों में कई दिनों से नही मिल रहा मास्क..चिल्हर विक्रेता माल नहीं सप्लाई होने की वजह बता रहे

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रायपुर (khabargali) देश- विदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। लोगों में इस जानलेवा वायरस का खौफ़ भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे हालात में चेहरे पर मास्क लगाना बेहद जरूरी हो गया है लेकिन राजधानी के छोटे मेडिकल स्टोर्स में मास्क उपलब्ध ही नही हैं। आम जनता सब्जी, राशन और दूध और दवा जैसी मूलभूत चीजों के लिए मजबूरन अपने घर से निकल रही है। ऐसे में बिना मास्क पहने अगर कोई निकला तो उसे पुलिसिया फटकार का सामना करना पड़ रहा है। हफ्ते भर खरीदा मास्क पहनना उसकी मजबूरी हो रही है जबकि चिकित्सीय निर्देशानुसार 3 लेयर मास्क की आयु 12 से 24 घंटे से ज्यादा नहीं होती, उसे नष्ट कर नया मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा है। मेडिकल स्टोर्स संचालक और आम ग्राहक मास्क को लेकर परेशान हैं क्योंकि सभी मेडिकल स्टोर्स में फेस मास्क मिल ही नही रहा है। सूत्रों के अनुसार हैंड वॉश, लिक्विड सेनेटाइजर भी दुकानों में नहीं मिल रहा है।

आम ग्राहक किसी भी मेडिकल स्टोर्स में जब जाता है तो उसे यही जवाब मिलता है कि भैया माल बिल्कुल खत्म है और पूछने पर बताते हैं कि कि काफी दिन से मास्क के ऑर्डर देने के बाद भी माल सप्लाई नहीं हो रही है।

पिछले 3 हफ्ते से दिया आर्डर की सप्लाई नहीं हुई

चिल्हर दवा विक्रेताओं ने बताया कि थोक दवा बाजार में पिछले 3 हफ्ते से हमने मास्क और हैंड सेनीटाइजर का आर्डर दिया है पर हमें माल की अनुपलब्धता का हवाला दिया जा रहा है। ख़बरगली को कुछ मेडिकल दुकान के संचालकों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर यह बताया कि पहले तो हम राजधानी के थोक दवा बाज़ार में मोबाइल से ही आर्डर देते थे तो थोक व्यापारी तुरंत हमारा फोन उठा कर हमारा आर्डर लेते थे और जाकर अपना माल उठा लेते थे । अब ये आलम है कि वे हमारे फोन ही नहीं उठा रहे है। हम जाकर वहां घंटों लाइन में लगते हैं फिर भी हमें माल की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। हालात यह है कि दोपहर 12:00 बजे अगर हम अगर थोक बाजार में घुसते हैं तो 3:00 बजे तक हम वहां से निकल पाते हैं और वो भी सिर्फ 25% दवाई लेकर।

बताया जा रहा है कि थोक दवा बाजार में काफी भीड़ जमा हो रही है। चिल्हर मेडिकल स्टोर्स संचालकों का कहना है कि पुलिस थोक दवा बाजार के बाहर रोड पर व्यवस्था बनाए हुए हैं लेकिन पुलिस को चाहिए कि वह थोक दवा बाजार के अंदर आकर हालात को समझें । आखिर क्या कारण है कि थोक दवा बाजार में मास्क उपलब्ध नहीं हो रहे हैं ?

दुकानदारों का कहना है कि लॉक डाउन के इन दिनों हम लोग अपना मेडिकल स्टोर खोल कर बैठे हैं लेकिन ग्राहकों को मास्क नहीं दे पाने का दुख हमें भी है ।

3 हफ्ते पहले ड्रग इंस्पेक्टर जांच पर निकले थे

चिल्हर दवा दुकानदारों ने यह भी बताया कि पिछले 3 हफ्ते पहले ड्रग इंस्पेक्टर जांच पर निकले थे लेकिन हमेशा की तरह चेहरा देख कार्यवाही हुई अगर सही तरीके से ड्रग इंस्पेक्टर जांच करते तो कालाबाजारी पकड़ी जाती ।

मेडिकल स्टोर्स के संचालकों ने यह भी एक हैरान करने वाली बात बताई कि थोक दवा बाजार में भारी मात्रा में लोकल सेनीटाइजर्स बेचे जा रहे हैं । ख़बरगली को यह भी जानकारी मिली कि 100 mg वाला ब्रांडेड सेनेटाइजर जो 50 रुपये का बिकना चाहिए वो 125 रुपये तक में बेचा जा रहा है।

बच्चों के फूड प्रोडक्ट की भी भारी कमी

कई मेडिकल स्टोर्स वालों ने यह भी बताया कि लॉक डाउन के चलते बच्चों के फूड प्रोडक्ट दूध पाउडर, सेरलेक जैसे प्रोडक्ट की भी सप्लाई नहीँ हो पा रही है। ऐसे में पालकों को आगे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

चिल्हर दवा विक्रेता जोखिम लेकर बाजार में बैठे है

चिल्हर दवा विक्रेताओं ने बताया कि हमारे खुद के लिए फेस मास्क उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जबकि हमारी दुकान में हर तरह के ग्राहक पहुँच रहे है। ज्यादातर हमारी मेडिकल स्टोर्स में ग्राहक खाली हाथ लौट रहे हैं अगर हमें माल इमानदारी से मिले तो हम ग्राहकों को खाली हाथ ना जाने दे ,लेकिन अब ऐसा लगता है कि हम बेकार ही दुकान खोल कर बैठे हैं इससे अच्छा तो सरकार हम लोगों की दुकानों को अल्टरनेट खोलने की व्यवस्था करें ताकि दुकानों में भीड़ कम हो और जब हम अपनी पारी में दुकान खोलें तो हमारे पास ग्राहकों के लिए माल हो।  इस समय सरकारी स्वास्थ्य अमले को चाहिए की थोक दवा बाजार में जाकर दबिश दे और वहां के हालात जाने कि आखिर इन सब हालत के क्या कारण है ??

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