कट सकता है बहुत से दिग्गजों का टिकट
कार्यकर्ताओं में कई दिग्गजों को लेकर आक्रोश
रायपुर (khabargali@ विशेष संवाददाता
यूपी यानी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव बाद छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में बड़ी सर्जरी की संभावना बढ़ गई है. सूत्र बताते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में बहुत से दिग्गजों का टिकट कट सकता है. पार्टी कार्यकर्ता पहले ही कई बार बोल चुके हैं कि उन्हें कई चेहरे पसंद नहीं, यदि वे रहेंगे तो वे काम नहीं कर पाएंगे. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े कई लोग भी इससे सहमत हैं कि वे वर्तमान कुछ चेहरों को लेकर भाजपा यदि चुनाव लड़ती है तो वह सत्ता में अगले 15 साल तक नहीं आ पाएगी. खास कर पिछड़ा वर्ग से ही किसी को सामने लाया जा सकता है, अन्यथा पार्टी की स्थिति खराब हो सकती है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में हुई भारतीय जनता पार्टी कार्यकारिणी समिति की बैठक में भी इस चर्चा हुई कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान चेहरे कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आ रहे हैं, न ही जनता पसंद कर रही है. यदि सत्ता में पार्टी को वापस लाना है तो चेहरे बदलने होंगे. हालांकि इसके पहले ही आरएसएस और पार्टी का एक बड़ा तबके ने यह मान लिया है कि ज्यादातर नेताओं को हटा कर उनकी जगह नए चेहरे को लाना ही होगा. इसके बाद ही यह संभावना बढ़ गई है कि उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में नए चेहरे को सामने लाया जाए. हालांकि मुख्य चेहरा नरेंद्र मोदी ही होंगे लेकिन प्रदेश में भी एक चेहरा होगा जो कार्यकर्ताओं को मान्य होगा. इसके लिए कुछ नामों पर विचार भी हो रहा है.
कुछ वरिष्ठों ने बताया कि यह भी सच है कि 15 साल तक सत्ता में जमे रहे कुछ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दिया, जिसकी कार्यकर्ताओं में आक्रोश स्तर काफी बढ़ा हुआ है. खास कर जमीनी कार्यकर्ता बहुत ज्यादा नाखुश हैं. अब सवाल उठ रहा है कि नया चेहरा कौन, इसके लिए भी मंथन हो रहा है कि किस-किसको आगे लाया जाए ताकि पार्टी की नीतियों के अनुरूप कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चल सके. इस मामले में आरएसएस की राय को ज्यादा तवज्जो दिए जाने की संंभावना भी काफी बढ़ी हुई है क्योंकि वह ऐसा संगठन है जो भाजपा को सत्ता में वापस ला सकता है. आरएसएस की उपेक्षा अब कतई न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है ताकि अगली बार मिल कर काम किया जा सके, और कई नए चेहरों को सामने लाया जा सके. पार्टी सूत्र दावा यह भी कर रहे हैं कि यदि भाजपा के कुछ नेताओं का रवैया वैसा ही बना रहा जैसा चुनाव पूर्व था तो पार्टी का छत्तीसगढ़ की सत्ता में लौटने की संभावना बिल्कुल नहीं होगी.
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