धर्म संसद में संत कालीचरण और साध्वी विभानंद गिरि के विवादित बोल पर मचा बवाल

Dharma Sansad Sant Kalicharan, Sadhvi Vibhanand Giri, Mahant Ramsundar Das, Shri Neelkanth Seva Sansthan in Ravanabhatha Maidan, Chhattisgarh, Hindu Samaj Sangathan, Mahatma Gandhi, Raipur, Khabargali

कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक महंत रामसुंदर दास ने छोड़ा मंच

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रायपुर (khabargali) राजधानी में आयोजित धर्म संसद-2021 में महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से महात्मा गांधी को लेकर कुछ विवादित बातें कह दी कि इसके बाद बवाल मच गया. संत कालीचरण के बिगड़े बोल के बाद कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने इस बयान का विरोध करते हुए मंच से अपने आप को धर्म संसद से अलग करने की बात कहते हुए मंच छोड़ दिया और वापस दूधाधारी मठ लौट आए। कुछ और कांग्रेसी नेता भी कार्यक्रम स्थल छोड़कर चलते बने। दो दिन से चल रहे इस धार्मिक आयोजन में देशभर से संत-महात्मा जुटे। धर्म संसद का आयोजन रावणभाठा मैदान में श्री नीलकंठ सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ और हिंदू समाज संगठन के सहयोग से किया जा रहा है।

यह कहा संत कालीचरण ने संत कालीचरण ने

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महात्मा गांधी के लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए गोडसे को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की वजह से देश का विभाजन हुआ, गोडसे को नमस्कार है कि उन्होंने महात्मा गांधी को गोली मार दी। उनको मार डाला। आगे कहा कि राजा यानी कि सांसद, विधायक देश का मंत्री-प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो कट्टर हिंदूवादी हो। उन्होंने कहा कि हमेशा लोग वोट देने नहीं जाते, ऐसा न करने पर देश में इस्लाम हावी होगा। लोगों को अपने घरों से निकलकर अधिक से अधिक वोट करना चाहिए और ऐसा राजा चुनना चाहिए जो कट्टर हिंदुत्ववादी हो, चाहे राजनीतिक दल कोई भी हो।

धर्मांतरण पर भी निशाना साधा

छत्तीसगढ़ और देश भर में धर्मांतरण के सामने आ रहे मामलों की ओर इशारा करते हुए कालीचरण ने साफ तौर पर कहा कि देश की जाति व्यवस्था के कारण ऐसा हो रहा है। समाज के जिन वर्गों को मंदिरों में प्रवेश नहीं मिला, जिन्हें समाज ने प्रेम नहीं दिया, वह दूसरे धर्म को अपना रहे हैं। उनकी देखादेखी दूसरे लोग भी इसका अनुसरण कर रहे हैं।

महंत रामसुंदर दास ने किया विरोध

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राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कालीचरण के बयान का खुले मंच से विरोध किया। उन्होंने कहा कि मैं इस कार्यक्रम से ताल्लुक नहीं रखता, हालांकि आयोजकों ने उन्हें मुख्य संरक्षक बनाया था। भड़के हुए लहजे में रामसुंदर दास ने साफ तौर पर कहा कि मंच से महात्मा गांधी लेकर अभद्र बातें कही गई है, हम इसका विरोध करते हैं। महात्मा गाँधी ने खुद को देश के प्रति समर्पित किया था, महात्मा गांधी के विषय में बहुत ही अपमान जनक बातें कही गई, जो अशोभनीय है,यह सनातन धर्म नहीं और ना ही धर्म संसद के मंच पर इस तरह की बात होनी होनी चाहिए। इतना कहकर महंत रामसुंदर दास मंच से उतर गए और तमतमाए हुए अंदाज में वापस दूधाधारी मठ लौट गए।

साध्वी विभानंद गिरि के उद्बोधन का भी विरोध

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कार्यक्रम में साध्वी विभानंद गिरि के उद्बोधन में कहा कि धर्म संसद का उद्देश्य लव जिहाद को खत्म करना है । उन्होंने कहा यह कि मुसलमान हिंदू महिलाओं का अपहरण करवाते हैं और फिर गैंगरेप करवाते हैं । कोई लड़की अगर मुसलमान से मिलती है तो हर नौजवान हिन्दू को उसे बचाना चाहिए । इस बात पर छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सलाम रिजवी ने आपत्ति की है और एक बयान जारी कर कहा है कि एक महिला को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। क्या वो इस बात की गारंटी लेती हैं कि कोई हिंदू लड़का मुस्लिम लड़की के साथ गैंगरेप का अंजाम नहीं देगा। ये ऐसी बातें हैं जिसका कोई धर्म नहीं है।

धर्म संसद में ये संत जुटे

धर्म संसद में बाघम्बरी मठ लेटे हुए हनुमान मंदिर, प्रयागराज से महंत बलवीर गिरी महाराज, काली पुत्र महाराष्ट्र से संतकाली चरण महाराज, सुश्री साध्वी रंजना, बैजनाथ धाम के महामंडलेश्वर श्री प्रकाशचंद महाराज, महंत हनुमानगद्दी अयोध्या से रामदास महाराज, दिगम्बर अनी अखाड़ा चित्रकुट धाम से महंत श्री दिव्य जीवनदास महाराज, नागा साधु कांशी के राष्ट्रीय महासचिव महंत राहुल गिरी महाराज,चित्रकूट धाम से महंत भरतदास महाराज वृंदावन से आचार्य सूरज महाराज,वृंदावन से आचार्य राम गोपाल महाराज,अयोध्या से जगत गुरु श्रीधराचार्य, ग्वालियर हरिद्वार से महामंडललेश्वर राजगुरू संतोषानंद एकादश रूद्रपीठ शामिल हुए।

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