कानफोडू डी.जे.: शासन बड़ा या प्रशासन? :संजय ठाकुर

Kanpodu DJ: Is the government bigger or the administration? : Sanjay Singh Thakur, President of Chhattisgarh RTI Activist Association, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी गाइडलाइंस के विरुद्ध रायपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान पर छत्तीसगढ़ आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह ठाकुर ने प्रश्न पूछा है कि शासन बड़ा है या जिला प्रशासन? दरअसल रायपुर के दो प्रशासनिक अधिकारियों ने माननीय उच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ शासन के आदशों के विरुद्ध डीजे बजाने की व्यवस्था पर बयान दिया है। एक अधिकारी ने कहा है की डीजे साउंड को लेकर हाईकोर्ट का दिशा निर्देश जारी है, जिसके तहत ही आवेदनों पर अनुमति दी जाएगी। दूसरे अधिकारी ने कहा है डीजे बजाने की अनुमति के लिए पहले जोन कमिश्नर एवं संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी से अनुमति लेनी होगी इसके बाद प्रशासन आवेदन पर निर्णय लेगा। बिना अनुमति बजाने एवं नियमों का पालन नहीं करने वालों के विरुद्ध कोलाहल अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी।

क्या है छत्तीसगढ़ शासन का आदेश

Kanpodu DJ: Is the government bigger or the administration? : Sanjay Singh Thakur, President of Chhattisgarh RTI Activist Association, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

ठाकुर ने बताया कि पिछले साल 11 सितम्बर को ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश और भारत सरकार के ध्वनि प्रदूषण नियम का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के आवास एवं पर्यावरण विभाग ने आदेश जारी किया था जिसमें एक लाइन में स्पष्ट लिखा है कि “कलेक्टर और एसपी सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स ना बजे, वाहन में साउंड बॉक्स मिलने पर साउंड बॉक्स जप्त कर वाहन का रिकॉर्ड रखा जावे।”

शासन से ऊपर मानते है जिला अधिकारी अपने को

ठाकुर ने पूछा कि उच्च न्यायालय और शासन के आदेश के बावजूद जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अनुमति देने की कार्यवाही की बयान बाजी करना यह बताता है कि रायपुर जिला प्रशासन, छत्तीसगढ़ शासन के आदेशों की कदर नहीं करता, और अपने को शासन से ऊपर मानते हैं। ठाकुर ने आरोप लगाया कि अधिकारी जनता को ध्वनि प्रदूषण का कष्ट देना चाहे हैं ताकि आम जनता बहरी हो, डी.जे. की तेज लाइट से अंधी हो, उसका ब्रेन हेमरेज हो और परेशान हो कर त्योहारी सीजन में घर छोड़ कर चली जाए या आत्महत्या कर ले।

खुलासा करें अधिकारी

ठाकुर के पूछा कि अधिकारी बतायें कि हाई कोर्ट के किस दिशा निर्देश के तहत अनुमति दी जायेगी? जब कि हाई कोर्ट ने तो कहा है कि कलेक्टर और एसपी सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स ना बजे। अधिकारियों को यह भी बताना चाहिए कि जब छत्तीसगढ़ शासन केंद्र के नॉइज़ रूल का हवाला देकर आदेश जारी कर रहा है तो वे राज्य के कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही करने की बात क्यों कर रहे हैं? जब कि राज्य शासन भी मान चुका है कि केंद्र का नॉइज़ रूल छत्तीसगढ़ के कोलाहल अधिनियम से ज्यादा कड़क प्रावधानों वाला है। ठाकुर के मांग की कि अधिकारी, न्यायालय और छत्तीसगढ़ शासन के आदेशों का सम्मान करते हुए एक भी डी.जे. बजने न दें।

संजय सिंह ठाकुर, संपर्क: 9827110032