
दुर्ग(khabargali)। जिला खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर की आईडी और पासवर्ड हैक कर अज्ञात आरोपियों ने 185 लोगों के फर्जी राशन बना दिए जिनमें 44 अंत्योदय और 141 अन्य श्रेणी के हैं, इनमें से 57 कार्डधारियों ने उचित मूल्य की दुकान से राशन भी उठा लिया। इसकी भनक विभाग के किसी भी अफसर तक कानोकान नहीं पहुंची।
मामले का खुलासा उस समय हुआ जब खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने कोतवाली पुलिस में मामला दर्ज कराया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर सायबर सेल की मदद से अज्ञात आरोपियों की खोजबीन में जुट में गई हैं।
खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने मामला दर्ज करते हुए बताया कि शासन स्तर पर जारी विशिष्ट पहचान का कूटरचित तरीके से इस्तेमाल कर 44 अंत्योदय और 141 अन्य श्रेणी के राशन कार्ड बनाए गए हैं। राशन कार्ड बनाने के लिए विभागीय आइडी, पासवर्ड और माड्यूल का इस्तेमाल किया गया है।
ये सभी राशन कार्ड कार्यालयीन समय खत्म होने के बाद और अवकाश के दिनों में बनाए गए हैं। इन्हें बनाने के लिए नौ आइपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया है जिसकी पूरी जानकारी खाद्य निरीक्षक ने पुलिस को सौंपी है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि इस कार्य में विभागीय अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता है।
सभी 185 फर्जी राशन कार्ड जनपद पंचायत धमधा, पाटन, दुर्ग और भिलाई निगम व भिलाई चरोदा निगम की राशन दुकानों में संलग्न हैं। फर्जी राशन कार्ड में से 57 कार्ड से आठ जून 2021 तक 80 हजार 335 रुपये का खाद्यान्न भी आहरण किया गया। यदि पूरे फर्जी राशन कार्ड से खाद्यान्न का उठाव होता तो शासन को हर महीने करीब दो लाख 30 हजार 467 रुपये का नुकसान उठाना पड़ता।
खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर ने बताया कि राशन कार्ड बनाने में पूरी तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है। सिर्फ मेरी आइडी से ही राशन कार्ड बनाए जा सकते हैं। पूर्व में भिलाई निगम के जोन-5 में पदस्थ मलखान सिंह सोरी को आइडी, पासवर्ड जारी किया गया था। लेकिन, बाद में उनका जोन-3 में स्थानांतरण हो गया। जिसके बाद उनकी आइडी को ब्लाक कर दिया गया था।
राशन कार्ड बनाने में उस ब्लाक आइडी का भी इस्तेमाल किया गया है। मुझे आशंका है कि फर्जीवाड़े में एनआइसी के लोगों की भी संलिप्तता होगी। इस फर्जीवाड़े की खबर लगते ही खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने पुलिस से शिकायत की है। साथ ही आइपी एड्रेस की सूची भी सौंपी गई है।
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