बिहार (खबरगली) बिहार के मुजफ्फरपुर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक पिता ने अपने पांच बच्चों के साथ फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की। इस घटना में तीन बेटियों की मौत हो गई जबकि दो बेटे भाग कर अपनी जान बचाने में सफल रहे।
मुजफ्फरपुर में पिता ने 5 बच्चों के साथ लगाई फांसी
बिहार के मुजफ्फरपुर में दिल्ली का भयानक बुराड़ी कांड दोहराया गया है। यहां एक पिता ने आधी रात में अचानक उठकर अपने पांच बच्चों को फांसी लगाने के लिए कहा और खुद भी उनके साथ फंदे पर झूल गया। पिता के आदेश पर पांचों बच्चे मां की साड़ी का फंदा बना उससे झूल गए लेकिन तभी दम घुटने से एक बेटा फंदा हटाकर जमीन पर कूदा और फिर अपने भाई का फंदा हटाया और दोनों वहां से भाग निकले।
तीन बेटियों की मौत, 2 बेटे बचे
यह मामला सकरा थाना इलाके के नवलपुर मिश्रौलिया गांव का बताया जा रहा है। बच्चों के साथ फंदा लगाने वाले पिता की पहचान 40 वर्षीय अमरनाथ राम के रूप में हुई है। इस घटना में अमरनाथ की तीन बेटियों, 11 वर्षीय राधा कुमारी, 9 वर्षीय राधिका और 7 वर्षीय शिवानी की मौत हो गई, जबकि उसका 6 साल का बेटा शिवम कुमार और 4 साल का बेटा चंदन भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे।
एक साल पहले हुई बच्चों की मां की मौत
अमरनाथ ने रविवार देर रात अपने बच्चों को नींद से उठाया और फांसी लगा ली। इस घटना की जानकारी सोमवार सुबह मिली जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर चारों मृतकों के शवों को कब्जे में लिया। अमरनाथ के बेटे शिवम ने बताया कि हमारी मां की एक साल पहले ही मौत हुई है और हम पांचों बहन-भाई अपने पापा के साथ रहते हैं। मां के मरने के बाद से पापा ही हमारा ख्याल रखते थे। रविवार रात हम सभी आराम से खाना खा कर सोए थे।
पुलिस कर रही मामले की जांच
शिवम ने आगे कहा, आधी रात को हमें पिता ने जगाया और मां की साड़ी से फंदा बना कर हम सभी के गले में डाल दिया। पिता ने हमें ट्रंक पर चढ़ने को कहा और फिर घर की छत से लटका दिया। लेकिन दम घुटने से मैं फंदा खोल कर नीचे कूद गया और फिर अपने छोटे भाई का फंदा भी खोल दिया और हम दोनों घर से बाहर निकलकर शोर मचाने लगे। बच्चों का शोर सुनकर पड़ोसी वहां पहुंचे लेकिन तब तक अमरनाथ और उसकी तीनों बेटियों की मौत हो चुकी थी। पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार, अमरनाथ का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और शायद इसी वजह से अमरनाथ ने यह कदम उठाया है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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