
डर के कारण भागे सैकड़ों लोग, नदी पार कर मालदा में ली शरण; प्रशासन कर रहा मदद
कोलकाता (खबरगली) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर हिंसा हुई। रविवार को बर्बादी का मंजर सड़कों पर जले हुए वाहनों, लूटे गए शॉपिंग मॉल और फार्मेसी में तोड़फोड़ के रूप में देखने को मिला। मुर्शिदाबाद में रविवार को सड़कें सुनसान रहीं। दुकानें बंद रहीं और लोग घरों के अंदर ही रहे। पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल धूलिया, शमशेरगंज और सुती क्षेत्रों के संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रहे हैं। जहां पिछले दो दिनों से हिंसा जारी है।
मीडिया की टीम जब धुलियान में गई तब कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें एक क्षतिग्रस्त इमारत के भीतर बम के छर्रे और फर्नीचर की राख दिखाई। इन्हें उपद्रवियों ने प्रांगण में जमा कर आग लगा दी थी। उधर, हिंसा के एक पीड़ित ने बताया कि हमला करने वाले मुस्लिम लोग थे। जिन्होंने चुन-चुन कर हिंदुओं के दुकानों में तोड़फोड़ की है। अगल-बगल मुस्लिमों के दुकान पर कोई आंच नहीं आई। सिर्फ हिंदुओं को ही निशाना बनाया गया। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में फैली हिंसा से डरकर सैकड़ों लोग भागकर पास के मालदा जिले में पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक, ये सभी लोग भागीरथी नदी पार कर नावों के जरिए मालदा पहुंचे हैं। जहां प्रशासन ने इन पीड़ित लोगों के लिए स्कूलों में अस्थायी ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की है। बता दें कि, मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों जैसे सूती, धूलियन, जंगीपुर और समसेरगंज में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। यह क्षेत्र मुस्लिम-बहुल है और प्रदर्शन धीरे-धीरे सांप्रदायिक तनाव में बदल गया।
कितने लोग पहुंचे मालदा?
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के अनुसार, 'धूलियन से करीब 400 हिंदू नागरिक डर के मारे भागकर भागीरथी नदी पार कर मालदा जिले के बैष्णवनगर इलाके में पहुंचे हैं। उन्हें पर लालपुर हाई स्कूल में ठहराया गया है।' उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति से कट्टरपंथी ताकतों का हौसला बढ़ा है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि पीड़ितों को सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था की जाए।
खून के प्यासे थे हथियार बंद उपद्रवी
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि हम अचंभित रह गए। क्योंकि अचानक सैकड़ों लोगों का एक हथियारबंद गिरोह सामने आ गया। वे खून के प्यासे थे और चिल्ला रहे थे कि हमारे समुदाय के किसी भी सदस्य को इस क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्योंकि हम अधिनियम के माध्यम से वक्फ भूमि को छीनने की साजिश में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने जब उनसे गुहार लगाई तो उन्होंने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। लेकिन कई बम धमाके किए और मौके से भागने से पहले संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस काफी देर बाद पहुंची।
सिर्फ हिंदुओं थे निशाने में
मुर्शिदाबाद हिंसा के एक पीड़ित ने बताया कि मेरे घर के पास ही मेरा दुकानें हैं। प्रदर्शन के दौरान मेरी दुकान पर हमला हुआ। जब हमला शुरू हुआ तो मैंने थाने में कॉल किया, लेकिन पुलिस नहीं आई। आधे घंटे बार फिर हमला हुआ और दोबारा मैंने कॉल किया। इसी तरह दो-तीन घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हमले में मेरी दुकान का शटर टूट गया। दुकान में कम से कम 50 लाख से अधिक का सामान था। सारे सामान गायब हो गए। इसके बाद घर का भी दरवाजा तोड़ दिया गया और सामान लूट लिया गया। चार घंटे तक लगातार उपद्रव चला, उस दौरान प्रशासन का कोई पता नहीं चला। पीड़ित ने बताया कि हमला करने वाले मुस्लिम लोग थे, जिन्होंने चुन-चुन कर हिंदुओं के दुकानों में तोड़फोड़ की है। अगल-बगल मुस्लिमों के दुकान पर कोई आंच नहीं आई। सिर्फ हिंदुओं को ही निशाना बनाया गया।
युद्धक्षेत्र जैसा दिखा मंजर
विनाश का ऐसा ही मंजर सुती, शमशेरगंज और धुलियान में भी देखने को मिला और ऐसा लग रहा था जैसे युद्धक्षेत्र हो। क्योंकि भारी हथियारों से लैस केंद्रीय बलों ने पुलिस और त्चरित कार्रवाई बल (आरएएफ) कर्मियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग और आसपास की गलियों में मार्च किया। सुरक्षाकर्मियों को स्थानीय लोगों से अपने घरों और संपत्तियों के सामने जमा पत्थरों, कंक्रीट के टुकड़ों और ईंटों को हटाने के लिए कहते देखा गया। शमशेरगंज के जाफराबाद में शनिवार को उपद्रवियों ने पिता-पुत्र की हत्या कर दी थी। उस घर में जब सुरक्षा बलों और मीडिया कर्मियों ने प्रवेश किया तो परिवार के भयभीत सदस्य और पड़ोसी मौन साधे खड़े रहे। हमलावरों ने उत्पात मचाया और फर्नीचर तोड़ दिया और खाना पकाने के बर्तन घर के बाहर फेंक दिए। लोगों ने कहा कि वे आए और हमारे घरों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन वक्फ (संशोधन) अधिनियम के पारित होने के खिलाफ था। मेरा वक्फ से कोई लेना-देना नहीं है।
इंटरनेट बंद, छापेमारी कर रही पुलिस
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिले के सुती, धुलियान, शमशेरगंज और जंगीपुर इलाकों में स्थिति शांतिपूर्ण है। रातभर छापेमारी जारी रही। 12 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही अब तक 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसा प्रभावित इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
ऐसे भड़की हिंसा?
मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ शुक्रवार को हुए विरोध के दौरान कई इलाकों में भड़की हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस वैन समेत कई वाहनों में आग लगा दी, सुरक्षा बलों पर पथराव किया और सड़कें जाम कर दी। शनिवार को भी कुछ जगहों से हिंसा की खबर आईं। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को सुती के सजुर मोड़ पर हुई झड़पों के दौरान गोली लगने के बाद घायल हुए 21 वर्षीय एजाज मोमिन की शनिवार को मौत हो गई। शुक्रवार को हुई हिंसा में कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
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