राज्य की संस्कृति , भाषा-बोली और रीति-रिवाज से भावी पीढ़ी को परिचित कराने की कोशिश करेंगे : शैलेष नितिन त्रिवेदी 

Shailesh Nitin Trivedi, president of Textbook Corporation, khabargali
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बेहद सादगीपूर्ण तरीके से पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण करने वाले शैलेश नितिन त्रिवेदी का ऐसा रहा राजनीतिक सफर..पढ़ें
 

रायपुर (khabargali) लगातार कई वर्षों से प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की बखूबी जिम्मेदारी संभाल रहे शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष पद का चार्ज बेहद सादगीपूर्ण तरीके से शिक्षामंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह से ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन एवं प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल उपस्थित थे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद राजनीति में आए शैलेश को लंबे संघर्ष और कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बाद भूपेश सरकार में उन्हें पाठ्यपुस्तक निगम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।  

बेहतर प्रबंधन से निगम की पहचान बनाना प्राथमिकता : शैलेष नितिन त्रिवेदी

नए चेयरमैन शैलेष नितिन त्रिवेदी ने खबरगली को कहा कि पाठ्यपुस्तक निगम  की छवि सुधारना और बेहतर प्रबंधन से निगम की पहचान बनाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।   उन्होंने कहा कि वे पापुनि के माध्यम से कोशिश करेंगे कि प्रदेश के भविष्य के निर्माण के महत्वपूर्ण कार्य में अपना योगदान देने का पूरा प्रयास करें। त्रिवेदी ने कहा कि उनकी सामाजिक-राजनैतिक चेतना के पीछे किताबों की बड़ी भूमिका है। समानता और परस्पर प्रेम का जो भाव छत्तीसगढ़ में है, वह भावी पीढ़ी में भी चरितार्थ हो, इसके लिए सरकार की जो सोच होगी, उसके मुताबिक काम करने की कोशिश करेंगे। प्रदेश में सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं, गोंडी, हल्बी, सरगुजिहा सहित अनेक बोलियां प्रचलन में हैं। राज्य की संस्कृति और यहां रहने वाले लोगों की भाषा-बोली उनके रीति-रिवाज काफी महत्वपूर्ण हैं और  भावी पीढ़ी को इससे परिचित कराने की कोशिश करेंगे।
आपको बता दें कि कि पाठ्यपुस्तक निगम के माध्यम से कक्षा पहली से दसवीं तक के 50 लाख से अधिक विद्यार्थियों को साढ़े तीन करोड़ से अधिक किताबें निशुल्क वितरित की जाती हैं। किताबों का प्रकाशन हिंदी, संस्कृत और उर्दू में होता है।

जानें शैलेश नितिन त्रिवेदी को 

 26 फरवरी 1963 को जन्मे शैलेश बलौदाबाजार के पास एक छोटे से गांव पहंदा में  के रहने वाले हैं। शासकीय बहुउद्देषीय उच्चतर माध्यमिक शाला
बलौदाबाजार से स्कूली पढ़ाई करने के बाद उन्होने उच्च शिक्षा अभियांत्रिकी कॉलेज रायपुर ( अब NIT) से इंजीनियरिंग पास की। पश्चात एक बड़ी सरकारी नौकरी को छोड़ कर वे स्व. राजीव गांधी जी के आहवान पर उन्होने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। शैलेश सामाजिक रूप से प्रतिष्ठा प्राप्त बलौदाबाजार के एक ऐसे परिवार से हैं जो खूब फैला हुआ है और जिसने न केवल पूरे जिले बल्कि पूरे प्रदेश में राजनीति एवं पत्रकारिता में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। दिलचस्प पहलु है कि 20वीं शताब्दी के शुरूआत में इसी परिवार में बच्चों के नाम स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी और स्वतंत्र प्रसाद त्रिवेदी रखे गये जो कि आजादी की लड़ाई और परिवार के प्रति समर्पण का जीता- जागता उदाहरण है। 
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने विगत 38 वर्षो से अधिक के राजनीतिक जीवन में कभी पार्टी नहीं छोड़ी, कभी दल-बदल नहीं किया और हमेशा हर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को खुलकर साथ दिया। नेतृत्व की क्षमता स्कूली जीवन से शालानायक के रूप में शुरू हुई और फिर शासकीय इंजीनियरिंग काॅलेज, रायपुर के छात्रसंघ अध्यक्ष रह कर वे विश्व विद्यालय प्रतिनिधि भी रहे। 
शैलेश ने खबरगली को बताया कि देश प्रेम और समाज के प्रति सजगता और दैनिक जीवन में आदर्श नियमों का पालन करना उन्होने स्कूल और काॅलेज में एन.सी.सी. में शामिल हो कर सीखा । शैलेश नितिन त्रिवेदी ने यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई में विभिन्न जिला और राज्य स्तरीय पद से अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत करते हुए बलौदाबाजार से पीसीसी सदस्य बने फिर क्रमशः प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस कमेटी,  राज्य-संयोजक, छत्तीसगढ़ कांग्रेस विचार, सदस्य राज्य स्तरीय चुनाव अभियान समिति,  मीडिया समन्वयक म.प्र और शैलेश रामानुजलाल यादव के साथ और संचार प्रमुख के रूप में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष स्व. नंदकुमार पटेल, प्रदेश अध्यक्ष श्री चरणदास महंत के साथ काम किया । वर्तमान में वे लगातार कई वर्षों से प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। रणनीति बनाने और अपनी टीम के द्वारा उसके सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में शैलेश नितिन त्रिवेदी ने हमेशा कांग्रेस की जरूरत के समय आगे बढ़कर सक्रियता से पार्टी के लिए काम
किया है तथा राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मीडिया में पार्टी का पक्ष रखने में सबसे आगे रहे हैं। दरभा नक्सल हमले के बाद संकट के उन क्षणों से लगातार भाजपा पर आक्रमण करने में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। आज अपनी सक्रियता से शैलेश नितिन त्रिवेदी ने लगातार पार्टी के लिए एक सकारात्मक भूमिका निभाने और उनकी संगठनात्मक कला, भाषण कला और क्षेत्र में गहरे संपर्कों के साथ पार्टी में राज्यस्तर के नेता की छवि है। टीवी चैनलों में उन्हे बड़ी कुशलता से पार्टी का पक्ष रखते अक्सर देखा जा सकता है। बहस और भाषण में राज्य और विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न पुरस्कार जीतने वाले शैलेश को कृषि मंत्रालय, भारत द्वारा धान की खेती में पहला पुरस्कार, मिल चुका है। 
 गौरतलब है कि रायपुर मेडिकल काॅलेज के लिए 700 बिस्तर के अस्पताल आंदोलन में चिकित्सा महाविद्यालय के अध्यक्ष डाॅ. राकेश
गुप्ता के कंधे से कंधा मिलाकर शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाग लिया जिसके परिणामस्वरूप आज मेकाहारा का निर्माण संभव हुआ।

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