रूस के माउंट एलब्रुस पर रायपुर के पर्वतारोही चित्रसेन साहू ने फहराया तिरंगा

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रायपुर(khabargali)। रायपुर के पर्वतारोही चित्रसेन साहू ने रूस का माउंट एलब्रुस पर तिरंगा फहरा दिया है। चित्रसेन के दोनों पैर नहीं हैं। वो आर्टिफिशियल लेग्स की मदद से चलते हैं। एलब्रुस पर दोनों आर्टिफिशियल पैरों से चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।

23 अगस्त को उन्होंने ये कामयाबी हासिल की। चित्रसेन ने बताया कि इस चढ़ाई को पूरा करने में उन्हें 8 घंटे का वक्त लगा। पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर उन्होने तिरंगा फहराया। देश और दुनिया को प्लास्टिक फ्री बनाने और दिव्यांगो को अपने पैरों पर खड़ा होने का संदेश दिया। इस पूरे मिशन में चित्रसेन का सहयोग, नॉर्थ अमेरिका में रहने वाले छत्तीसगढ़ियों के संगठन नाचा ने किया।

तबीयत ऐसे बिगड़ी की पानी भी नहीं पी सके

मुश्किल चढ़ाई का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए चित्रसेन ने बताया कि माउंट एलब्रुस की उंचाई 5,642 मीटर(18510 feet) है। इस पर्वत पर जैसे ही चित्रसेन ने चढ़ाई शुरू की इसके कुछ देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई।

बर्फिला तूफान आ गया। तेज हवाएं इस पूरी चढ़ाई को सबसे मुश्किल बना रहीं थीं। पहाड़ पर तापमान -15 से -25 डिग्री पर था। दूर-दूर तक सिर्फ बर्फ थी जो दिखने में खूबसूरत थी, मगर इसकी वजह से यहां के हालात जानलेवा थे। चित्रसेन की तबीयत भी बिगड़ गई। चित्रसेन ने बताया कि हालत ऐसी थी कि पानी पीने पर उल्टियां हो रही थीं। दोनों पैरों में काफी दर्द हो रहा था। मैंने ऐसे हालातों में जूझने की ट्रेनिंग हासिल की है। एक वक्त के लिए लगा कहीं जिस मकसद से आया हूं, वो अधूरा न रह जाए।

मैंने हार नहीं मानी एक पेन किलर खाया और फिर से कोशिश करते हुए पहाड़ की चोटी की तरफ बढ़ गया। इसके बाद तकलीफों पर ध्यान नहीं गया। बस दिल में एक ही बात थी कि चोटी पर पहुंचकर तिरंगा फहराना है। हमनें 10 घंटे का लक्ष्य लेकर चढ़ाई शुरू की थी। 8 घंटे में ही मैं चोटी पर था, वहां जाकर मैंने भारत माता की जय और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा लगाया।