
मोक्षित कार्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा व अन्य लोगों के 20 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी , ईओडब्ल्यू-एसीबी की भी जांच जारी
रायपुर (खबरगली) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन(सीजीएमएससीएल) में करोड़ों रुपए के चिकित्सा उपकरण व री-एजेंट खरीद घोटाला मामले में छापेमारी के बाद मोक्षित कार्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों की 40 करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज की है। बताते चलें कि उक्त घोटाले की ईओडब्ल्यू और एसीबी द्वारा भी जांच चल रही है। मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़े सप्लायर मोक्षित कार्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा और अन्य 6 लोग जेल में हैं। इनमें अधिकारी भी शामिल हैं।
आरोपी शशांक चोपड़ा पिछले तीन महीने से जेल में है। ईडी रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने छत्तीसगढ़ में चिकित्सा उपकरण व री-एजेंट खरीद घोटाले के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत आरोपी शशांक चोपड़ा, उनके परिवार के सदस्यों, उनकी व्यावसायिक संस्थाओं और राज्य के अधिकारियों सहित अन्य सहयोगियों के आवासीय व कार्यालय परिसरों में 30-31 जुलाई को 20 स्थानों पर तलाशी व जब्ती अभियान चलाया था। तलाशी अभियान के दौरान बैंक खातों में जमा शेष राशि, सावधि जमा, डीमैट खातों में शेयर और वाहनों के रूप में 40 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज व डिजिटल उपकरण और संपत्तियां पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत जब्त-फ्रीज कर दी गईं।इस मामले में आगे की जांच जारी है।
एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा न्यायालय में एक आरोपपत्र भी दायर किया गया है। एफआईआर और आरोपपत्र के अनुसार आरोपी शशांक चोपड़ा ने कथित तौर पर स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और सीजीएसएमसी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके, निविदा प्रक्रियाओं में हेरफेर करने, मनगढ़ंत मांग करने और सीजीएमएससी को बढ़ी हुई कीमतों पर चिकित्सा उपकरण और री-एजेंट की आपूर्ति करने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश रची।
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