टोक्यो ओलंपिक: भारत की महिला हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज़ मेडल खोकर भी बहुत कुछ जीता

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टोक्यो (khabargali) भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल नहीं कर सकी, इस मुकाबले में उसे 3-4 से हार का सामना करना पड़ा , लेकिन भारतीय महिला टीम का प्रदर्शन काबिल ए तारीफ़ है। उन्होंने जिस दिलेरी से ग्रेट ब्रिटेन जैसी मजबूत टीम से संघर्ष किया, वह भुलाए नहीं भूलेगा। इस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम बिग लीग टीमों में अपना नाम शुमार कराने में सफल हो गई है. वह नई रैंकिंग में छठे स्थान पर आ सकती है.

दूसरे क्वार्टर में 3-2 की बढ़त बना ली थी

जिस टीम के बारे में क्वार्टर फ़ाइनल में स्थान बनाने में भी संशय व्यक्त किया जा रहा था, उस टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को हराकर ना सिर्फ सेमी फ़ाइनल में स्थान बनाया बल्कि आख़िर तक अपनी लड़ाई जारी रखी। भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में 3-2 की बढ़त बना ली थी, लेकिन इस बढ़त को टीम कायम नहीं रख सकी।

टीम इंडिया इमोशनल हो गई

ओलिंपिक मेडल चूकने के बाद टीम इंडिया के प्लेयर्स मैदान पर ही फूट-फूटकर रोने लगीं। सविता पूनिया, वंदना कटारिया, कप्तान रानी रामपाल और नेहा गोयल समेत तमाम खिलाड़ी इमोशनल हो गए। इन सभी खिलाडिय़ों ने पूरे टूर्नामेंट गजब का प्रदर्शन किया था। ब्रिटेन की खिलाडिय़ों ने टीम इंडिया के प्रदर्शन की तारीफ की और भारतीय खिलाडिय़ों को सम्मान भी दिया।

ब्रिटेन ने खड़े होकर तालियां बजाईं

ब्रिटेन के खिलाडिय़ों ने भारतीय खिलाडिय़ों के सम्मान में खड़े होकर तालियां बजाईं। टीम इंडिया ने अपनी रैंक से कहीं ऊपर ब्रिटेन की टीम को कड़ी टक्कर दी। गोलकीपर सविता पूनिया ने ब्रिटेन के खिलाफ कुल 7 सेव किए। इसमें 6 काउंटर अटैक और 1 पेनल्टी कॉर्नर बचाया। इंग्लैंड की खिलाड़ी गोलकीपर पूनिया को सांत्वना देने पहुंचीं।

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