व्हाइट हाउस की जंग में जो बाइडेन की बढ़त..

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 ट्रंप ने कुछ राज्यों में फ्रॉड होने का आरोप लगाया है..हारे तो सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे

बाइडेन की जीत चाहता है ट्रंप से ड़रा हुआ पाकिस्तान

जानिए चुनाव परिणाम का भारत पर क्या होगा असर?

वाशिंगटन khabargali) अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के नतीजे को लेकर दुनिया भर में उत्सुकता है और विभिन्न देशों में लोग बेसब्री से चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं. लगभग सभी देश अपने नफा और नुकसान के हिसाब से ट्रंप या बाइडेन की जीत देखना चाहते हैं. इधर अमेरिका अपना नया राष्ट्रपति चुनने के लिए वोटिंग कर चुका है और भारतीय समय के मुताबिक आज सुबह साढ़े 11 बजे वोटिंग खत्म हो चुकी है.  अब वोटों की गिनती जारी है, कई राज्यों के रुझान और नतीजे भी आ गए हैं. डेमोक्रेट्स के उम्मीदवार जो बाइडेन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में कांटे की टक्कर चल रही है. काउंटिंग के बीच ही दोनों उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी जीत का दावा कर दिया है.  हालांकि, जो बाइडेन ने नतीजों में बढ़त बना ली है. अब तक के रुझानों के मुताबिक मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 23 राज्यों जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन ने 20 राज्यों पर कब्जा जमाया है. अब तक के रुझानों में मौजूदा राष्ट्रपति ट्रम्प इलेक्टरोल वोटों में जो बाइडेन से पीछे चल रहे हैं. उन्हें 213 जबकि बाइडेन को 238 वोट मिले हैं. व्हाइट हाउस की जंग के लिए 270 वोटों की जरूरत है.  नतीजों को लेकर व्हाइट हाउस की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं. 

अमेरिकी मीडिया ने ये बताया

अमेरिकी मीडिया के अनुसार डोनाल्ड ट्रम्प ने फ्लोरिडा और मोंटाना जीत लिया है. इनके अलावा इंडियाना, ओक्लाहोमा, केंटकी, टेनिशी और वेस्ट वर्जीनिया में उन्हें पहले ही जीत मिल चुकी है, जबकि जो बाइडेन ने अपने गृह राज्य डेलवेयर के अलावा न्यूयॉर्क जीत लिया है. इसके अलावा देश की राजधानी वाशिंगटन भी बाइडन के खाते में गई है.

ट्रंप ने कुछ राज्यों में फ्रॉड होने का आरोप लगाया

नतीजों से पहले ट्रंप का गुस्सा भी सामने आ रहा है. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी लोगों से धोखे की कोशिश की जा रही है, जिसे वो सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. उधर जो बाइडेन अपने समर्थकों से धैर्य बनाए रखने को कह रहे हैं.

चारों भारतीय मूल प्रत्याशी जीते

अमेरिकी चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर अमेरिकी कांग्रेस के निम्न सदन प्रतिनिध सभा के लिए चुनाव लड़े चारों भारतीय मूल के प्रत्याशियों - डॉ.एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति- ने एक बार फिर जीत दर्ज की है.

239 मिलियन लोग वोट डालने के पात्र अमेरिका में

इस बार वोटिंग के दिन से पहले ही लाखों लोग मेल या बैलट के जरिए वोट कर चुके हैं. बैलट के जरिए अब तक 93 मिलियन यानी नौ करोड़ 30 लाख से लोग वोट कर चुके हैं, जो 2016 में पड़े कुल 138.8 मिलियन का दो तिहाई है. इस साल कुछ 239 मिलियन लोग वोट डालने के पात्र हैं.

बाइडेन की जीत देखना चाहता है पाकिस्तान!

पाकिस्तान भी चाहता है कि इस बार के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीत न मिले। क्योंकि, उनके चार साल के कार्यकाल के दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध काफी खराब हुए हैं। बराक ओबामा के कार्यकाल के आखिरी दिनों में अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध उतने खराब नहीं थे, जितने अभी हैं. ट्रंप सीधे तौर पर आतंकवाद को लेकर कई बार पाकिस्तान का नाम ले चुके हैं, वे पाकिस्तान सहित मुस्लिम-बहुल राष्ट्रों के खिलाफ अधिक कड़े कदम उठा सकते हैं. ट्रंप पहले भी मुस्लिम देशों से आने वाले नागरिकों को लेकर कई कानून बना चुके हैं. ऐसे में पाकिस्तान नहीं चाहता है कि वे दोबारा चुनाव जीतें। पाकिस्तान मानता है कि जो बाइडेन अपनी विदेश नीति में पाकिस्तान के साथ संबंधों को नया आयाम दे सकते हैं.

चुनाव परिणाम का भारत पर असर?

जानकारों का मानना है, ट्रंप या बाइडेन जो भी जीते लेकिन भारत के साथ संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला. डोनाल्ड ट्रंप शासन औ मोदी सरकार के बीच बने अच्छे संबंध किसीसे छिपे नहीं हैं. ह्यूस्टन का ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की दोस्ती का गवाह है. ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान भी इसका कई बार जिक्र किया. इसके बाद ट्रंप की भारत यात्रा को भी दुनिया ने देखा. गुजरात हो या ताजमहल का दीदार मोदी ने मित्र ट्रंप की आगवानी में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन का रिकॉर्ड भी भारत के साथ बेहतर संबंधों का रहा है.

बाइडेन का बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति के रूप में मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की वकालत करने एक मजबूत रिकॉर्ड है. रिपब्लिकन प्रशासन के दौरान भी बाइडेन ने उप राष्ट्रपति के तौर पर भारत का साथ दिया. भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के पारित होने और द्विपक्षीय व्यापार में 500 अरब अमरीकी डालर का लक्ष्य निर्धारित करने में बाइडेन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसी वजह से बाइडेन के भारतीय नेतृत्व के साथ मजबूत संबंध हैं.

विशेषज्ञों का मानना है बाइडेन की जीत भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक रहेगी. साथ ही बाइडेन की कोर टीम में भारतीयों की बड़ी संख्या है. उनकी तरफ से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं तो बाइडेन के दो प्रमुख सलाहकार भी भारतीय मूल के हैं. इसके अलावा बाइडेन चुनाव के दौरान कह चुके हैं, ‘भारत के साथ मजबूत संबंधों को ओबामा-बाइडेन प्रशासन ने हमेशा प्राथमिकता दी. यदि मैं राष्ट्रपति चुना जाता हूं तो यह अब भी उच्च प्राथमिकता होगी.’ यह बयान हाल ही में दिल्ली में संपन्न 2 + 2 मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान आया था.