नई दिल्ली (khabargali) सौ पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को लिखे एक ओपन लेटर में पीएम-केयर्स फंड में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जवाबदेही के मानकों के पालन के मद्देनजर प्राप्तियों और खर्चों की जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है ताकि किसी तरह के संदेह से बचा जा सके.
पत्र में यह लिखा
पूर्व अधिकारियों ने खुले पत्र में लिखा, ‘हम पीएम-केयर्स या आपात स्थिति में नागरिक सहायता और राहत के बारे में जारी बहस पर करीब से नज़र रख रहे हैं. यह कोष कोविड महामारी से प्रभावित लोगों के फायदे के लिए बनाया गया था. जिस उद्देश्य से यह कोष बनाया गया और जिस तरह से इसे संचालित किया गया, दोनों को लेकर कई सवाल अनुत्तरित हैं.’ उन्होंने कहा, ‘आवश्यक है कि प्रधानमंत्री से जुड़े समस्त लेनदेन में पूरी तरह पारदर्शिता सुनिश्चित करके प्रधानमंत्री के पद और दर्जे को अक्षुण्ण रखा जाए.’ पत्र पर पूर्व आईएएस अधिकारियों अनिता अग्निहोत्री, एस पी अंब्रोसे, शरद बेहार, सज्जाद हासन, हर्ष मंदर, पी जॉय ओमेन, अरुणा रॉय, पूर्व राजनयिकों मधु भादुड़ी, केपी फाबियान, देब मुखर्जी, सुजाता सिंह और पूर्व आईपीएस अधिकारियों एएस दुलात, पी जी जे नंबूदरी तथा जूलियो रिबेरो आदि के हस्ताक्षर हैं.
कोरोना संकट के चलते आर्थिक सहयोग के लिए पीएम केयर्स फंड बनाया था
बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में आर्थिक सहयोग के लिए पीएम केयर्स फंड बनाया था. इसमें कई उद्योगपतियों से लेकर आम जनता तक ने छोटी से लेकर बड़ी राशि दान दी थी. सिर्फ पांच दिनों में ही फंड में 3076 करोड़ रुपये आ चुके थे. बाद में फंड की रकम का इस्तेमाल वेंटिलेटर्स समेत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ीं अन्य चीजों को खरीदने में किया गया था.
- Log in to post comments