आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में चौथी बार पाक प्रेमी चीन ने लगाया अड़ंगा

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नई दिल्ली। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने को लेकर लाए गए प्रस्ताव को चीन ने चौथी बार अडंगा लगा कर पाक प्रेम दिखाया है। आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस UNSC की 1267 कमेटी से मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कराने के लिए प्रस्ताव लेकर आए थे। अब सवाल यह है कि क्या चीन के विरोध के बावजूद मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जा सकता है जी हां यह संभव है । UNSC के 9 सदस्यों की सहमति अगर मिल जाती है तो UN चार्टर के अनुच्छेद 27 के मुताबिक मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने पर फैसला हो सकता है। इसका साफ मतलब है कि अगर सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों में से 9 सदस्य देशों ने साथ दिया तो चीन के फैसले की कोई अहमियत नहीं रह जाएगी. इस प्रकिया को अफरमेटिव एक्शन कहते हैं। बता दें कि फिलहाल मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव सेंक्शन कमिटी में अटका है। जो कि 1999 में UNSC के रेजुलेशन 1267 के तहत बनी हुई कमिटी है. यह कमिटी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करती है। अब भारत सेंक्शन कमिटी के ऊपर सिक्योरिटी काउंसिल में जा सकता है और यहां 15 में से अगर 9 सदस्य देश किसी प्रस्ताव के पक्ष में वोट करते हैं तो उसपर फैसला किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए चीन समेत सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों से सम्पर्क बंद नहीं करने जा रहा है। प्रस्ताव चूंकि होल्ड पर है लिहाज़ा इस रुकावट के हटाए जाने की संभावना अभी खत्म नहीं होती है। ऐसे में यह प्रयास भी होगा कि चीन को इसके लिए राजी किया जाए। मसूद पर दिए प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद के 15 में से 10 सदस्य देशों का प्रस्तावक या सह प्रस्तावक बनना अहम बात है। इससे आतंकवाद पर भारत की बात को मजबूती ही मिली है। साथ ही एक आतंकवादी को बचाने के मुद्दे को लेकर चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ेगा। इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान पर भी चीन का दबाव बढ़ने की उम्मीद है।

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