बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों के बाद अब 29 घरों पर कट्टरपंथियों ने लगाई आग

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विहिप तथा सहयोगी संगठनों ने खोला मोर्चा

ढाका/ सिलीगुड़ी (khabargali) कुरान के कथित अपमान वाले वायरल वीडियो मामले में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं का जीना मुहाल कर दिया है। पहले मंदिरों में तोड़-फोड़ के बाद अब कट्टरपंथियों ने 29 घरों में आग लगा दी है। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद का आरोप है कि चांदपुर और नोआखली में हुए हमलों में कम से कम चार हिंदुओं की मौत हुई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार देर रात रंगपुर जिले के पीरगंज स्थित एक गांव में कट्टरपंथियों ने आगजनी की। रिपोर्ट में जिले के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां के हवाले से कहा गया है कि गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति के एक फेसबुक पोस्ट में धर्म का अपमान करने की अफवाह पर तनाव बढ़ गया था। तनाव की सूचना पर पुलिस की टीम युवक के घर पर पेहरा देने लग गई। लेकिन हमलावरों ने गांव में आस-पास के कई घरों में आग लगा दी। जिसके बाद सूचना पर पहुंचे अग्निशमन दल ने बमुश्कल आग बुझाई। अग्निशमन सेवा नियंत्रण कक्ष ने कहा कि घटनास्थल से उनकी रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि पीरगोंज के माझीपारा में 29 आवासीय घरों, दो रसोई, दो खलिहान और 20 घास के ढेर को आग लगा दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दमकल सेवा को रात 8:45 बजे आग लगने की सूचना मिली और अंतत: सुबह करीब सवा चार बजे आग पर काबू पाया गया।

अब तक दर्जनों लोग  गिरफ्तार हुए

हालांकि पुलिस के अनुसार, आग लगने से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुलिस के मुताबिक, सांप्रदायिक हिंसा में कमिला, चांदपुर, चट्टोग्राम, कॉक्स बाजार, बंदरबन, मौलवीबाजार, गाजीपुर के हिंदू मंदिरों में पुलिस और हमलावरों के बीच झड़प हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सांप्रदायिक हिंसा में अब तक दर्जनों लोग भी गिरफ्तार हुए हैं।

कई मंदिरों और हिंदुओं की दुकानों में तोड़फोड़

इससे पहले शनिवार को हमलावरों ने कई मंदिरों और हिंदुओं की कई दुकानों में तोड़फोड़ की और जमकर लूटपाट की और वाहनों को आग लगा दी। करीब सात घंटे तक वे पुलिस से भिड़ते रहे। इसके बाद इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल, अर्धसैनिक बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को तैनात किया गया है। इस हिंसा में करीब 40 लोग घायल हुए हैं। इस संबंध में रविवार को 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं।

अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर 3,679 हमले हुए

सोमवार को ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह ने बांग्लादेश में मंदिरों, पूजा स्थलों और हिंदू समुदाय के घरों पर हमलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे धार्मिक समूहों के साथ हाथ मिलाया। प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यक समूहों से संबंधित मामलों को संभालने के लिए एक अलग मंत्रालय के गठन का आह्वान किया। एक अलग रिपोर्ट में बांग्लादेश के प्रमुख अधिकार समूह ऐन ओ सलीश केंद्र (ASK) के हवाले से कहा कि जनवरी 2013 और इस साल सितंबर के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर 3,679 हमले हुए। इसमें कहा गया है कि हमलों में हिंदू समुदाय के 559 घरों और 442 दुकानों और व्यवसायों में तोड़फोड़ और आग लगाई गई। इसी अवधि में हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ और आगजनी के कम से कम 1,678 मामले सामने आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन घटनाओं में हिंदू समुदाय के 11 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 862 अन्य घायल हुए हैं।

विहिप तथा सहयोगी संगठनों ने किया विरोध

बाग्लादेश में दुर्गोत्सव के दौरान पूजा मंडपों को निशाना बनाए जाने, अल्पसंख्यक हिंदुओं को प्रताड़ित किए जाने तथा इस्कॉन मंदिर पर हमले की घटना को लेकर हिंदुवादी संगठनों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस क्रम में विश्व हिंदू परिषद व हिन्दू जागरण मंच की ओर से सोमवार को सिलीगुड़ी एसडीओ के समक्ष एक ज्ञापन दिया गया तथा हासमी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया। सुबह 11 बजे के करीब हाशमी चौक से एक रैली निकाली गई, जो सीधे एसडीओ कार्यालय तक पहुंची, जहा विरोध स्वरूप ज्ञापन सौंपा गया। विश्व हिंदू परिषद के उत्तरबंग प्रात कोषाध्यक्ष लक्ष्मण बंसल, प्रात संगठन मंत्री अनूप मंडल,बजरंग दल के सिलीगुड़ी जिला संयोजक किशन अग्रवाल तथा हिंदू जागरण मंच के शुभो शील इस दौरान मौजूद रहे। विरोध रैली में सिलीगुड़ी के विधायक शकर घोष भी शामिल हुए। रैली में शामिल संगठन के पदाधिकारियों ने बाग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों व पूजा मंडपों में तोड़फोड़ की घटना के लिए जिम्मेवार लोगों को अविलंब गिरफ्तार किए जाने की माग की। साथ ही बाग्लादेश की शेख हसीना सरकार से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की माग की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पड़ोसी देश के सरकार को इस तरह की घटनाओं को लेकर सख्त संदेश देने की अपील की गई। दोबारा इस तरह की घटना न हो यह सुनिश्चित करने की माग रखते हुए संगठन की ओर से एसडीओ के जरिए देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया ।