बड़ी खबर: डंडा लिए पहुँची महिलाएं तो भाग खडे़े हुए लाइन में लगे शराबी..देश भर में महिलाएं शराब बिक्री के विरोध में

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प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि शराब दुकानों की वजह से उनका हो रहा तबाह 

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के ट्रांसपोर्ट नगर में महिलाओं के समूह ने आज उग्र ही सही पर सही कदम उठाया। एक भीड़ के रूप में हाथों में डंडा लिए शराब दुकान पहुंची और हवा में लाठियां लहराई, उसके बाद बेरीकेट्स को उखाड़ फेंका.. महिलाओं के इस आक्रोश को देख शराब खरीदने पहुंचे मदिरा प्रेमियों के होश फाख्ता हो गए और वे मौके से भागने लगे।

दुकान का शटर भी तुरंत गिरा

आक्रोशित महिलाओं को उग्र रूप में देखकर शराब दुकान के सुपरवाइजर ने भी तत्काल शराब दुकान का शटर गिरवा दिया। महिलाओं ने वहाँ लगभग चिल्ला कर साफ कह दिया है कि यदि यह शराब की दुकानें खोली गईं तो यह किसी के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि शराब की दुकानें अभी तक बंद थी , तो बंद ही रहनी चाहिए।

गृहस्थी बर्बाद होने का हवाला दिया

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि शराब दुकानों की वजह से उनका घर तबाह हो रहा है। बच्चे से लेकर घर के बुजुर्ग शराब पीने लगे हैं। घर में खाने के लिए पैसा नहीं है और शराब के लिए लोग घर के सामानों को बेचकर नशा कर रहे हैं। महिलाओं ने कहा कि दोबारा यदि शराब की दुकान खुली, तो जो कुछ होगा, उसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

देश भर में हुए ऐसे कई विरोध प्रदर्शन

ये घटना प्रदेश और देश में अकेली नहीं है, कल से प्रदेश और देश भर से महिलाओं के इस तरह के विरोध की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। गौरतलब है कि पिछले 44 दिनों तक राज्य में शराब दुकानें बंद होने के कारण घरेलु हिंसा में भारी कमी आई और शांति का वातावरण निर्मित हुआ है। और कल से जो शराब दुकाने खुली तो घरों और गली- मोहल्ले में शराबियों ने जम कर उत्पात मचाया। शराब को सामजिक बुराई बताया गया है। निश्चित रूप से इसके सेवन के बाद घर और समाज का वातावरण खराब होता है। घरेलू हिंसा का मुख्य कारण भी नशा ही होता है। वर्तमान हालातों को मद्देनजर रख महिला संगठनों को उपरोक्त घटना की तरह उग्र तो नहीं पर शराब के विरोध में आवाज तो उठानी ही चाहिए।

शराब दुकानों के खुलने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा

कोरोना वायरस का अभी तक कोई वैक्सीन नहीं मिला है। जिससे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए लोगों अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। आम जनता 44 दिन घर पर थी और बाहर निकलने पर एक ओर पुलिस इन्हें डाँट फटकार कर वापस भगा रही थी फिर अब जब कोरोना का संक्रमण और बढ़ गया है ऐसे केंद्र सरकार ने कुछ जरूरी चीजों पर छूट दी । लेकिन गैर जरूरी शराब दुकानों के खुलने से कोरोना के फैलने की आशंका औऱ बढ़ गई है। देश भर में शराब दुकानों के सामने फिजीकल डिस्टेंसिंग को ताक में रख एक किलोमीटर तक दूर मदिरा प्रेमियों की लाइन लगी है, अधिकांश के मुँह पर मास्क भी नहीँ है। ऐसे में कोई घर का पुरुष सदस्य संक्रमित हो कर आया तो उसके बाकी घर के सदस्यों का क्या होगा..?

 

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