प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि लाल किले का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
नई दिल्ली (khabargali) कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए बवाल के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में आ गई है। दिल्ली में कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें से ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं । पुलिस के मुताबिक 400 ट्रैक्टरों पर सवार लोगों ने हिंसा फैलाई। थाना गदपुरी में 2000 से 2200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रख रही है। इस बीच केंद्रीय मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि लाल किले का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। एक फरवरी को संसद भवन तक पैदल मार्च को किसानों ने स्थगित कर दिया है।
394 पुलिसकर्मी घायल हुए- दिल्ली पुलिस कमिश्नर
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए। इनमें कुछ अभी भी अस्पताल में है जबकि कुछ आईसीयू में एडमिट हैं।पुलिस कमिश्नर ने कहा- हिंसा करने वालों का वीडियो हमारे पास है, जांच चल रही है।उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने पुलिस की बातें नहीं मानी। दिल्ली पुलिस भी लाल किले का मुआयना करने पहुंची थी, जिसकेे आधार पर वह रिपोर्ट देगी। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि तय समय से पहले ही किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने दिया भड़काऊ भाषण इसके बाद किसान भड़क गए। वे बहुत हिंसक थे और उनके पास हर तरह के हथियार थे। कई ने शराब भी पी थी।
इन नेता के खिलाफ एफआईआर
दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि, उसकी एफआईआर में (किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में एनओसी के उल्लंघन के लिए) किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम हैं। एफआईआर में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है।
राकेश टिकैत का यह बयान आया
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई। अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले। यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी। किसान आंदोलन जारी रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन ने चिल्ला बॉर्डर से अपना आंदोलन को खत्म कर दिया
भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने चिल्ला बॉर्डर से अपना कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को खत्म कर दिया है। जो ट्रैफिक यहां किसानों के प्रदर्शन के कारण बाधित हो रखा था, उन्होने कहा कि अब हम उसे सुचारू रूप से चलाने का प्रयास कर रहे हैं।
धरना खत्म कराने और पुलिस कमिश्नर को हटाने की याचिका
दिल्ली में कल हुई हिंसा के बाद आज दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे लोगों को हटाने, सड़के और सार्वजनिक स्थान खाली कराने, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को पद से हटाने, लाल किले पर जो पुलिस वाले अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभा सके उन्हें हटाने की अपील की गई है।
किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन से वापस लिया
नाम किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन से नाम वापस ले लिया है और साथ ही राकेश टिकैत व अन्य किसान नेताओं पर कई आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने भड़काया उन पर सख्त कार्रवाई हो। वीएम सिंह ने कहा कि, सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी तो सरकार क्या कर रही थी। वीएम सिंह आगे बोले, हिंदुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं। आईटीओ में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने राकेश टिकैत पर आरोप लगाते हुए कहा कि टिकैत अलग रास्ते से जाना चाहते थे। वह लाल किले पर जाना चाहते थे। यूपी गेट और चिल्ला बॉर्डर पर घट रही प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या ट्रैक्टर रैली खत्म हाेने के बाद यूपी गेट पर बैठे कई किसानाें ने अब अपने लंगर हटाने शुरू कर दिए हैं, जबकि हाईवे पर किसानों के लंगर और पंडालाें में भी किसानाें की संख्या कम हाे रही है। वहीं ऐसा ही हाल चिल्ला बॉर्डर का भी है, हालांकि यहां पर प्रदर्शनकारी कम नहीं हुए हैं बल्कि पुलिस कार्रवाई के डर से तितर-बितर हैं और अलग-अलग जगह बैठे हैं।
कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया
कांग्रेस ने 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह हिंसा योजनाबद्ध तरीके से की गई जिसे केंंद्र से संरक्षण मिला। कांग्रेस ने कहा कि आंदोलन को छलपूर्वक हटाने की कोशिश की गई। कांग्रेस ने ये भी मांग की है कि, पीएम मोदी को गृहमंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।
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