एसीबी-ईओडब्लू ने फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार किया अनवर ढेबर को

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रायपुर (khabargali) एसीबी-ईओडब्लू की टीम ने कांग्रेस शासन काल में हुए तीन हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले मामले में अनवर ढेबर को फिल्मी अंदाज में कुम्हारी टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार कर लिया। अनवर कुछ महीनों से जमानत पर था। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद कल बुधवार रात जेल से छूटा अरविंद सिंह भागने की फिराक में था इससे पहले एसीबी ईओडब्लू ने कल शाम फिर से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।

ईडी की एफआईआर पर एसीबी के द्वारा इस मामले में दो गिरफ्तारी है। अरविन्द सिंह इस घोटाले की अहम कड़ी रहा है। वह रकम कलेक्शन के साथ-साथ बोतलों में लगने वाले होलोग्राम युक्त ढक्कन बनाने वाली फर्म का संचालक भी था। वह ईडी की गिरफ्त में आने के बाद से जेल में बंद था। 2 अप्रैल को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद कल शाम जेल से रिहा हुआ था और एसीबी ने जेल से निकलते ही उसे हिरासत में लिया।

जानिए...कौन है शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड

ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्‍ल्‍यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस व अन्‍य सरकारी अफसर और लोग सहयोगी की भूमिका में थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्‍सा इन्‍हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के संयुक्‍त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्‍तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं, ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्‍लानिंग की थी।

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