रायपुर (khabargali) कोरोनाकाल ने सभी त्योहारों का उत्साह और रौनक पर भी असर डाला है। छत्तीसगढ़ में आज मनी ईद-उल-अजहा के सभी आयोजनों पर ब्रेक लगा दिया है। मुस्लिम समुदाय ने शनिवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्यौहार तो मनाया पर अन्य वर्षों की भांति न तो मोहल्लों में और न ही मस्जिदों में भीड़भाड़ नजर आई,इसलिए कि कोविड -19 के नियमों ने घेरेबंदी कर दी है। इस बार नमाज भी घर में ही पढ़ा गया। संक्रमण को देखते हुए सरकार ने मस्जिदों में नमाज अदा करने पर रोक लगा दी है। वहीं, कुर्बानी के लिए भी कोई छूट नहीं दी गई है। लाकडाउन के बीच जो चार घंटे की छूट सुवह मिली थी उसमें लोगों ने थोड़ी खरीदी की तो थोड़ी बहुत मेल-मुलाकात लेकिन दस बजते ही सभी ने घर का रूख कर लिया।
इस बीच व्हाहट्सएप,मेल,फोन पर मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे से संपर्क कर बधाई देते हुए औपचारिकता पूरी करते रहे। जानकार लोगों ने बताया कि पहली बार ऐसा मौका सामने आया है कि इतने बड़े त्यौहार में हमें घरों पर अघोषित रूप से कैद होकर रहना पड़ रहा है, लेकिन सबकी खैरियत भी इसी में हैं। बच्चों व युवाओं को बड़े बुजुर्ग कहते दिखे नियमों का पालन करें व दूसरों से भी करवायें।
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