जीपी सिंह पहले ऐसे सीनियर आईपीएस जिन पर लगीं राजद्रोह की धाराएं

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सीएम ने जिन दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई हुई बताया ..नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने उसे सार्वजनिक करने की मांग की

रायपुर (khabargali) रायपुर में ACB के छापे के बाद सस्पेंड ADGP जीपी सिंह पर गुरुवार, देर रात 12 बजे राजद्रोह का आरोप लगा 154-ए और 124-ए की धाराओं में मामला दर्ज किया है। माना जा रहा है कि अब जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। उनके सरकारी बंगले से कुछ चिटि्ठयां, फटे हुए पन्ने और पैन ड्राइव मिले थे ।इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया है । जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों का पता चला है । मामला सिटी कोतवाली में दर्ज किया गया है । IPS जीपी सिंह आखिरी बार बिलासपुर में देखे गए थे । वहां से पुलिस को चकमा देकर गायब हो गए । IPS जीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पहले अफसर हैं, प्रदेश में जिनके ऊपर राजद्रोह का आरोप लगा है और मामला दर्ज किया गया ।

बंगले और करीबियों से मिले कई दस्तावेज सूत्रों के मुताबिक एंटी करप्शन ब्यूरो के छापे के दौरान एडीजी के सरकारी बंगले और उनके करीबियों के यहां से कुछ डोजियर, टूलकिट दस्तावेज और पेन ड्राइव मिले थे। जिसकी जांच में पुलिस ने सरकार के खिलाफ षड्यंत्र मानते हुए कोतवाली पुलिस ने जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया है। जीपी सिंह के सरकारी बंगले और सहयोगियों के ठिकानों में छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें ऐसी बातें सामने आई हैं, जो सरकार के खिलाफ साजिश रचने की ओर इशारा कर रही है।

सीएम भूपेश ने यह प्रतिक्रिया दी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा है कि कार्रवाई छापे में मिले दस्तावेजों के आधार पर हुई है।

अमरजीत भगत ने यह कहा

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आरोप लगाया कि एक बड़े षड्यंत्र को मिलकर अंजाम देने की कोशिश हो रही थी। गौरतलब है राज्य में विपक्ष में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है, वहीं सूत्रों के अनुसार, जीपी सिंह के यहां मिले कुछ दस्तावेज सरकार के खिलाफ साजिश का इशारा कर रहे हैं, जिसके आधार पर जीपी सिंह पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है।

दस्तावेज सार्वजनिक करें : कौशिक

इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का बयान सामने आया है। धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार को मिले दस्तावेज सार्वजनिक करना चाहिए।

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि एक जुलाई (गुरुवार) सुबह 6 बजे ACB और EOW की जांच टीम जीपी सिंह के सरकारी बंगले में दाखिल हुई थी। करीब 75 घंटे की छापेमार कार्रवाई में करोड़ों रुपये बरामद किए गए। ACB की टीम ने जीपी सिंह पर धारा 13 (1)बी, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम यथा संशोधित 2018 के तहत केस पंजीबद्ध किया था। इसके बाद जीपी सिंह के काली कमाई का परत दर परत खुलासा होते गया। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उन खातों की लिस्टिंग, पैसा कहां से आया किसने दिया, इन पहलुओं की जांच की। अब ये सारे दस्तावेज करोड़ों रुपये के काली कमाई की सबूत दे रहे हैं।

छापेमारी में क्या मिला ?

1. पहले दिन की कार्रवाई में ACB को जीपी सिंह के घर से बेशुमार दौलत के दस्तावेज मिले थे। 75 से अधिक बीमा पॉलिसी,बैंकों में बेहिसाब खातों के पासबुक, बैंकों में जमा 1 करोड़ रुपए की गिनती, कई मकानों, जमीनों में निवेश के कागज । पंजाब, नोएडा, ओडिशा और कनाड़ा में संपत्ति के दस्तावेज। 

2. डेढ़ करोड रुपये के म्यूच्यूअल फंड और शेयर के इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज ।

3. ओडिशा में संपत्ति, कंस्ट्रक्शन के काम में इस्तेमाल होने वाले आधा दर्जन वाहन जिनमें मिक्सर मशीन, ट्रक और अन्य मशीन शामिल ।

4. कार्रवाई के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से डायरी, फटे हुए पन्ने और एक दर्जन पैन ड्राइव मिली थी ।

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