झीरम कांड जांच रोकने की याचिका पर सवाल

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रायपुर (खबरगली)। झीरम घाटी नरसंहार का राजनीतिक जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। इस बार बहाना बनी है नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की यह याचिका। इसमें उन्होंने झीरम कांड की न्यायिक जांच रोकने की मांग की है। अब प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने इस याचिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि इस याचिका के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा, यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है जब भाजपा ने झीरम घाटी कांड की जांच में बाधा खड़ी करने की कोशिश की है। जैसे ही झीरम घाटी कांड के जांच की बात आती है भाजपा के बड़े नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है। वे लोग किसी न किसी प्रकार से इसकी जांच को बाधित करने की कोशिश में जुट जाते हैं। कभी बयानबाजी करते हैं, कभी आंदोलन करते हैं और कभी कोर्ट की शरण में चले जाते हैं।

मंत्री शिव कुमार डहरिया ने पूछा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक क्या इस बात से डरते हैं, कि झीरम घाटी कांड की जांच में कोई ऐसा सच निकल आएगा जिससे तत्कालीन भाजपा सरकार के किसी कुत्सित चेहरे से नकाब उठ जाएगा? क्या धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि जांच में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की लापरवाही सामने आ जाएगी? क्या धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि नक्सली घटना के पीछे की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ तो उनकी पूरी पार्टी पर इसका प्रभाव पड़ सकता है? मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा, अगर यही घटना भाजपा नेताओं के काफिले के साथ हुई होती। अगर उसमें भाजपा के बड़े नेता मारे गए होते तो क्या धरमलाल कौशिक इसकी जांच को रोकने का ऐसा प्रयास करते।