रायपुर (khabargali) राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार और कलाकार श्री रमेश शर्मा को " ख़बरगली रत्न सम्मान " स्व. हर्ष चंदूलाल मजीठिया की स्मृति में 28 सितम्बर को रायपुर प्रेस क्लब में दोपहर 12.30 को दिया जाएगा । सम्मान के रूप में उन्हें 5021 रुपये की सम्मान राशि , शाल, श्रीफल के साथ प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
जानें कौन हैं स्व हर्ष मजीठिया
“काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए, हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए, यहाँ ज़िंदगी तो हर कोई काट लेता है, ज़िंदगी जीयो इस कदर की मिसाल बन जाए।”
ये पंक्तियां हर्ष मजीठिया पर इसलिए सही हैं क्योंकि उन्होंने इसे जिया है। हर्ष का जन्म 28 सितम्बर, 1977 में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा रायपुर के राजकुमार कॉलेज और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविध्यालय से ग्रहण की । हर्ष बचपन से ही वे बड़े ख़ुशमिज़ाज और दयालु व्यक्ति थे और उन्हें सिंगिंग और कुकिंग का बहुत शौक़ था। वे जलतरंग भी बजाते थे। वे पहले से ही अभ्यास में निपुण थे, उन्होंने 12वी बोर्ड्स में अकाउंट्स में अपने जमाने में सबसे ज़्यादा अंक ला कर एक रिकॉर्ड बनाया था। यहाँ उल्लेखनीय है कि उनके बेटे यश मजीठिया ने भी राजकुमार कॉलेज के सर्वश्रेष्ठ छात्र के रूप में सम्मान हासिल किया।
हर्ष ने अपने जीवन में नैतिक मूल्यों की ख़ास जगह बनाकर रखी और उन्ही नैतिक मूल्यों के आधार पर एक आदर्श जीवन जिया।उन्होंने भूल से भी किसी जीव-प्राणी मात्र का दिल नहीं दुखाया होगा। उन्होंने व्यापार क्षेत्र में बड़ी ही कम उम्र में काफ़ी नाम, इज़्ज़त और जिसे अंग्रेज़ी में कहते है goodwill हासिल की। 18 साल की उम्र से ही उन्होंने व्यापार एवं रियल एस्टेट का काम सम्भाला । उन्हें जरूरतमंदों के प्रति दया और सहानुभूति थी, अब चाहे वो इंसान हो या पशु उन्होंने सबकी मदद की है। उन्होंने न जाने कितने ज़रूरतमंद लोगों को अपना व्यापार स्थापित करने में मदद की और उनकी ज़िंदगी को बेहतर बनाया, उन्होंने मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवा के कई जरूरतमंद की आँखों की रौशनी वापस दिलवायी। कोरोना महामारी के बीच भी वे रोज़ जरूरतमंद लोग एवं पशुओं को खाना देते थे और उनके नेकी की ऐसे तो असंख्य उदाहरण है। उनका जीवन प्रेरणा का एक स्त्रोत रहा है। 20 अगस्त 2020 को उनका असमय निधन हो गया। वे आज भले ही दैहिक रूप में हमारे साथ मौजूद नहीं है परंतु वे हमारे हृदय में सदा जीवित रहेंगे।
जिनका सम्मान हो रहा हैं उन्हें जानें
आज 75 वर्षीय हो चुके रमेश शर्मा जी भी यूं तो परिचय और सम्मान के मोहताज नही हैं क्योंकि उनका जीवन भी एक प्रेरक तपस्या से कम नहीं है। एक बेहद सज्जन और मृदुभाषी के रूप में उनकी लोकप्रियता प्रदेश में उन लोगों के बीच बनी है जो उन्हें जानते थे ।
19 अक्टूबर 1945 को राजधानी के ही राजातालाब में जन्में रमेश जी की यात्रा बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है। प्रदेश के सारागांव से शरू होते क्रमशः बैजनाथ पारा , रायपुर और कालीबाड़ी स्कूल से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा लेते हुए अजीजिया स्कूल अंग्रेजी स्कूल छोटापारा से मैट्रिक किया। फिर छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीए और एम ए किया उसके बाद 1969 में दुर्गा कॉलेज से पत्रकारिता की डिग्री ली। इस बीच उन्होंने 1961 में फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर के एजेंट के रूप में पहली नौकरी शुरू की। इसके बाद जनगणना कार्यालय और कृषि विभाग में काम किया। इसके बाद पूरे 29 साल उन्होंने देशबंधु अखबार में नौकरी की। उन दिनों देशबंधु अखबार का नाम नई दुनिया हुआ करता था। 1967 से 1995 तक वे देशबंधु अखबार में कार्यरत रहे और वहाँ जम कर अपनी कला साधना की। देशबंधु के साहित्य विभाग से निकलने वाले सारे अंक के मुख्य पृष्ठ में उनकी कला को हजारों पाठकों ने देखा।
उसके बाद 1995 से 2009 तक वो दैनिक भास्कर रायपुर में कार्यरत रहे। भास्कर छोड़ने के बाद क्रमशः उन्होंने तहलका, हरिभूमि, महाकौशल, नवभारत में सेवाएं दी। चैनल इंडिया में वे जनरल मैनेजर के पद पर भी कार्यरत रहे। उसके बाद लोकमाया अखबार में प्रधान संपादक भी रहे। संशाधनों की कमी के चलते उन्होंने कई अहम सरकारी पदों से वो वंचित भी रहे।
उम्रदराज होने के बाद भी इस बीच श्री शर्मा ने जैन चातुर्मास रिपोर्टिंग के चलते श्री कमल मुनि, मनीष सागर, विद्या सागर, दिगम्बर स्वामी और तरूण सागर जी के दिव्य वचनों को आम लोगों तक पहुँचाने का कर्तव्य निभाया। एक श्रेष्ठ कलाकार और अनुवादक के रूप में मीडिया में उनकी पहचान खूब रही। रमेश जी एक बेहतर रंगोली कलाकार के रूप में भी बेहद प्रसिद्ध रहे, दीपावली के दौरान उनकी डाली भव्य और सुंदर रंगोली के देखने लोग दूर- दूर से आते थे।
पेंसिल आर्ट, वॉटर कलर्स, पोस्टर और ऑइल पेंट, पोट्रेट से लेकर श्री रमेश शर्मा ने कला के सारे अंगो में नैसर्गिक प्रतिभा जन्मजात पाई। उनके बनाए कामों को ख़बरगली प्रकाशित भी कर रहा है। हालांकि ये काम उनकी कला साधना के समुंदर के कुछ अंश ही हैं। यहाँ एक बात का उल्लेख जरूरी है श्री रमेश शर्मा की इकलौती संतान देवयानी पूरी की पूरी अपने पिता की परछाई है। अब देवयानी तिवारी हो चुकी उनकी बेटी एक सफल इंटिरियर डिज़ाइनर है। देवयानी भी एक बेहतरीन कलाकार हैं , उनके पति आशीष तिवारी सी जी 24 न्यूज में प्रदेश के ब्यूरो चीफ हैं। ख़बरगली और मजीठिया परिवार में हर्ष है कि श्री रमेश शर्मा जी का सम्मान करने का उन्हें गौरव प्राप्त हो रहा है।
रमेश शर्मा जी की कलाकारी के कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं
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