कब, क्या हुआ ? पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी (khabargali) उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला रविवार की शाम अचानक धधक उठा और खबरों की सुर्खियों में आ गया। किसानों का एक विरोध प्रदर्शन जिसे सामान्य माना जा रहा था लेकिन रात होने तक उसके बाद कुछ ऐसा घटनाक्रम बदला कि पूरा जिला ही हाई अलर्ट पर आ गया। आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी में फैली हिंसा में अब तक कुल आठ लोगों की जान गई है, इनमें चार किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता और एक ड्राइवर शामिल हैं। खीरी से सांसद और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है।
घटनाक्रम की शुरुआत ऐसे हुई
खीरी से सांसद और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनबीरपुर में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का पहले से तय कार्यक्रम था। डिप्टी सीएम के रूट पर कुछ किसान काले झंडे लेकर सड़क पर खड़े थे, बताया जा रहा है कि तभी एक काली जीप ने कुछ किसानों को टक्कर मार दी। दरअसल किसानों ने रविवार दोपहर को लखीमपुर खीरी से तिकुनिया तक मार्च का ऐलान किया था। इसमें हजारों किसान शामिल हुए। इसके बाद किसानों को सूचना मिली कि टेनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बनबीरपुर गांव आ रहे हैं। डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आने की सूचना मिलते ही किसानों ने महाराजा अग्रसेन स्पोर्ट्स ग्राउंड में हेलिपैड साइट पर कब्जा कर लिया। इस कारण केशव के कार्यक्रम में बदलाव किया गया और वह लखनऊ से सड़क मार्ग से लखीमपुर पहुंचे।
हाथों में काले झंडे लेकर पहुंच गए किसान
इसके बाद गुस्साए किसानों ने तिकुनिया में केशव के स्वागत में लगे होडिंर्ग्स उखाड़ दिए और पलिया, भीरा, बिजुआ, खजुरिया और संपूर्णानगर समेत आसपास के कई गांवों से किसान हाथों में काले झंडे लेकर पहुंच गए। किसान टेनी और केशव को काले झंडे दिखाने के लिए तिकुनिया-बनबीरपुर मोड़ पर खड़े थे।
फिर जो हुआ उसमें 8 लोगों की जान गई
किसानों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अशीष मिश्रा उर्फ मोनू और उसके समर्थकों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दीं जिससे 4 किसानों की मौके पर ही मौत हो गई और कई किसान घायल हो गए। इसके बाद किसानों ने मोनू की गाड़ी समेत तीन गाड़ियों को फूंक दिया। इससे गुस्साए किसानों ने मोनू और उनके समर्थकों की तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और बाकी वाहनों को पलटा दिया। 3 भाजपा कार्यकर्ता और एक ड्राइवर किसानों की उग्र भीड़ की हिंसा के शिकार हो गए।
भारी फोर्स तैनात, जांच टीम भेजी गई
तनाव को देखते हुए जिले में केंद्रीय बलों की पांच और पीएसी की तीन कंपनियां तैनात की गई हैं। एहतियात के तौर पर जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। वहीं, घटना के कारणों की जांच के लिए सरकार ने अफसरों की एक टीम भेज दी है। टीम में अपर मुख्य सचिव (कृषि) देवेश चतुर्वेदी, एडीजी (एलओ) प्रशांत कुमार, लखनऊ के मंडलायुक्त रंजन कुमार और आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह शामिल हैं।
विपक्ष लखीमपुर में पहुँचने की कवायद में
हाल ही में गन्ना मूल्य बढ़ाने समेत किसान हित में कई फैसले लेने वाली यूपी सरकार को लखीमपुर की घटना से झटका लगा है। घटना के बाद सभी विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला बोलकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कल रात लखनऊ से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुईं थी। प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला पुलिस को चकमा देकर लखीमपुर खीरी के लिए निकला था। बाद में पुलिस ने प्रियंका को सीतापुर के हरगांव से हिरासत में ले लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया है। इस दौरान पुलिस के साथ प्रियंका की बहस भी हुई है। प्रियंका ने मुखर तौर पर पुलिसकर्मियों के जोर जबरदस्ती का विरोध किया। इसके साथ ही कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा को भी हिरासत में लिया गया है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र , भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर समेत कई किसान नेता लखीमपुर मौके पर पहुँचना चाहते हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया है।
किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे
लखीमपुर में किसान रात से धरना दे रहे हैं, इनकी मांग है कि दोषियों पर जब तक कार्रवाई नहीं हो जाती वो धरना जारी रखेगे। इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत सुबह साढे चार बजे के करीब लखीमपुर पहुंच गए थे और उन्होंने लखीमपुर के एक गुरुद्वारे में किसानों की कमेटी के साथ बैठक की। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की गई। बैठक से पहले टिकैत ने केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। राकेश टिकैत ने किसानों से बैठक के बाद एलान कर दिया है जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
किसानों का देशभर में प्रदर्शन का ऐलान
किसानों की मौत से गुस्साए संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया है। मोर्चा के मुताबिक देशभर में जिलाधिकारियों और आयुक्तों के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ये प्रदर्शन जारी रहेगा। किसान नेता योगेंद्र यादव और दर्शन पाल सिंह ने घटना की जांच उत्तर प्रदेश प्रशासन की जगह सुप्रीम कोर्ट के पदस्थ न्यायाधीश से करवाने की मांग की है।
मंत्री बोले- मेरा बेटा मौजूद नहीं था
इस पूरे मामले को लेकर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 'किसानों के प्रदर्शन में शामिल कुछ तत्वों' ने भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं, एक चालक को पीट-पीट कर मार डाला है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में घटनास्थल के पास मेरा बेटा मौजूद नहीं था, इसके वीडियो साक्ष्य हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की कार पर पथराव किया गया जिससे वाहन पलट गया, 2 लोगों की इसमें दबकर मौत हो गई, इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
मैं घटनास्थल से 4 किलोमीटर दूर मौजूद था-आशीष
संयुक्त किसान मोर्चे के फायरिंग और गाड़ी चढ़ाने के आरोपों पर बोलते हुए आशीष मिश्रा ने कहा कि जब मैं वहां था ही नहीं तो ये कैसे संभव है। वे दंगल यानि कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वे वहां पर मौजूद थे इसका कोई प्रमाण नहीं है। आशीष मिश्रा का कहना है कि वो घटनास्थल से 4 किलोमीटर दूर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे, गाड़ी उनका ड्राइवर चला जा रहा था। आशीष मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
CM योगी ने की शांति की अपील
पूरे मामले पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान जारी करके कहा कि क्षेत्र के लोगों के अपील है कि वे घरों में रहें और किसी के बहकावे में न आएं। मौके पर शांति व्यवस्था कायम रखने में योगदान दें। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले मौके पर हो रही जांच और कार्रवाई का इंतजार करें। सरकार इस घटना के कारणों की तह में जाएगी और घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
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