
नई दिल्ली (खबरगली) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए, जिनमें संविधान संशोधन विधेयक भी शामिल है। ये विधेयक भ्रष्टाचार या गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों से अधिक हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं।
संविधान (130वाँ संशोधन) विधेयक, 2025
यह विधेयक गंभीर अपराधों (5 वर्ष या अधिक कारावास वाले) के आरोप में 30 दिनों तक हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्रियों को हटाने का प्रावधान करता है। इसका उद्देश्य संवैधानिक नैतिकता और सुशासन को सुनिश्चित करना है।
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक2025
यह विधेयक जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन प्रस्तावित करता है। नई धारा (5A) के तहत, गंभीर अपराधों में 30 दिनों तक हिरासत में रहने वाले मंत्री को उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर 31वें दिन तक हटाया जाएगा। यदि सलाह नहीं मिलती, तो मंत्री स्वतः पदमुक्त हो जाएगा। मुख्यमंत्री के लिए सख्त प्रावधान विधेयक में प्रावधान है कि यदि कोई मुख्यमंत्री गंभीर अपराध के आरोप में 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो उसे 31वें दिन तक त्यागपत्र देना होगा। ऐसा न करने पर वह अगले दिन से पद पर नहीं रहेगा।
पुनर्नियुक्ति की संभावना
हिरासत से रिहा होने पर उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री या मंत्री को पुनर्नियुक्त किया जा सकता है, जिससे भविषमुखी नियुक्तियों का रास्ता खुला रहेगा। केंद्र शासित प्रदेशों की
सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025
यह विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों में भी समान प्रावधान लागू करने का प्रयास करता है, ताकि सुशासन और जनता का विश्वास बना रहे।
उद्देश्य
इन विधेयकों का लक्ष्य गंभीर अपराधों में लिप्त नेताओं के खिलाफ जवाबदेही सुनिश्चित करना और जनता का संवैधानिक विश्वास बनाए रखना है।
(इनपुट: एजेंसी)
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