नए धरना स्थल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव : कर्मचारी संघ

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हड़ताली कर्मी को मिर्गी आया, फस्टटेड भी नहीं मिला- विजय झा

तूता नवारायपुर के स्थान पर संघ ने अनेक विकल्प सुझाए

रायपुर (khabargali) राजधानीवासियों को महीनों तक चलने वाले धरने और इससे होने वाली ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए बूढ़ातालाब धरना स्थल को नवारायपुर 28 किलोमीटर ग्राम तूता के सुनसान इलाके में स्थानांतरित करने का लगातार कर्मचारी संगठन, ट्रेड यूनियन व मीडिया के कर्मचारी विरोध करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि वहां मूलभूत सुविधाएं नहीं है। न तो यहां बिजली की सुविधा है, न ही पानी की और न ही श्ाौच के लिए प्रसाधन की। ऐसे में आंदोलनकारियों के लिए बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कर्मचारी संघ ने संबंद्ध पक्षों से बिना चर्चा के एकपक्षीय आदेश जारी करने की निंदा करते हुए अनेक सुझाव जिला प्रशासन को दिए हैं।

कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ द्वारा नियमितीकरण की मांग के लिए बूढ़ातालाब में अनुमति न मिलने से 28 किलोमीटर दूर तूता के प्रस्तावित धरना स्थल में 5 हजार से अधिक कर्मचारियों को वहां कोई सुविधा नहीं मिली। एक कर्मचारी को मिर्गी आने पर फर्स्ट एड भी नहीं मिला। संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐडे के नेतृत्व में बस्तर, सरगुजा जैसे दुरस्त आदिवासी क्षेत्रों से पहुंचे महिलाओं को सुविधा का अभाव स्पष्ट परिलक्षित हुआ। आंदोलनकारियों की सभा को कर्मचारी नेता विजय कुमार झा, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक अजय तिवारी ने संबोधित कर चुनावी जनघोषणा पत्र में किए गए वादाखिलाफी से आक्रोशित कर्मचारियों को लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ठेस पहुंचाते हुए जबरिया नवा रायपुर भेजा गया। जहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के कर्मचारियों को भी पहुंचने में तकलीफ हुई। महापौर द्वारा वहां 100 मकान होने की बात कही गई। लेकिन धरना स्थल पर 50 झुग्गी झोपड़ी गरीबों की है यह आंदोलन में धरना स्थल बदलने के खिलाफ एवं नियमितीकरण की मांग के लिए था। भविष्य में बजट सत्र एवं वर्ष 2023 के चुनाव के पूर्व हजारों प्लेसमेंट कर्मचारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर, मिशन क्लीन सिटी, एवं स्वच्छता कमांडो के कर्मचारियों का नियमितीकरण किए जाने की मांग मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से की गई है। इन गरीबों से वादाखिलाफी होने पर इनके आक्रोश का सामना छत्तीसगढ़ सरकार को करना पड़ेगा।

कर्मचारी संघ ने अनेक विकल्प सुझाए

कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि रायपुर नगर निगम सीमा के अंतर्गत भूमि है, जिसमें धरना स्थल व्यवस्थित, सुसज्जित बनाया जा सकता है। जिसमें पंडरी बस स्टैंड की 14 एकड़ विघटित राज्य परिवहन की भूमि, रविशंकर विश्वविद्यालय के सामने कोटा स्थित पुराना विघटित राज्य परिवहन का 4 एकड़ डिपों की भूमि, वर्तमान में सिद्धार्थ चौक में तोड़े गए स्वीपर कॉलोनी की रिक्त भूमि, गांस मेमोरियल सेंटर मैदान काली मंदिर के सामने, महाराजबंद तालाब के किनारे पटेल मोहल्ला जाने वाला नवीन बाईपास मार्ग के दूसरे साइड तालाब के किनारे, नया बस स्टैंड रावणभाठा की रिक्त भूमि, सिंचाई कालोनी कि तोड़े गए रिक्त भूमि, जैसे अनेक विकल्प हैं, जो नगर निगम सीमा के अधीन आम जनता, राजनैतिक पार्टीयों, कर्मचारी सध, प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोगों के लिए सुविधाजनक होगा। यदि सिंचाई कालोनी में कांप्लेक्स बनानें जैसी कोई गुप्त योजना बूढ़ा तालाब धरना स्थल के लिए बनाई गई हो तो शासन का जिद्द, प्रतिष्ठा का प्रश्न समझ में आता है। अन्यथा बुढ़ा तालाब को ही स्टेडियम के तरफ 50 फुट बॉउडी वाल को हटाकर, पीछे बड़े नाले के ऊपर कांकृटीकरण कर उस पर मंच बनाकर धरना स्थल सुसज्जित बनाया जा सकता है।

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