नक्सलियों ने शांति वार्ता को लेकर जारी किया पत्र

Naxalites issued a letter regarding peace talks, Bastar, Chhattisgarh, Khabargali

जगदलपुर (khabargali) बस्तर संभग में लगातार हो रही मुठभेड़ और सरकार की तरफ से नक्सलियों के साथ शांति वार्ता करने की पहल को लेकर नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रताप ने चार पन्ने का पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में सरकार के उन सवालों का जवाब भी दिया हैं जो उनसे पूछे गए थे। नक्सलियों का मानना हैं कि सरकार एक तरफ नि:शर्त वार्ता का दावा करती हैं, जबकि दूसरी तरफ उनकी तरफ से कई शर्ते लाद दी जाती हैं, ऐसे में बातचीत संभव नहीं हैं। पत्र में नक्सलियों ने अपने आंदोलन को जनता का आंदोलन बताते हुए कहा हैं कि उनका आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि मजबूत हुआ हैं।

अपने पत्र में नक्सलियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम का जिक्र करते हुए कहा गया है कि विपक्ष को भी सत्तापक्ष बर्दाश्त करने की स्थिति में नही हैं, उन पर गंभीर आरोप लगाकर जेल में ढूंस दिया गया है। नक्सलियों ने शांति वार्ता को लेकर जारी किया पत्र नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के सदस्य प्रताप ने कहा कि बस्तर में हो रहे खून खराबा को रोकने के लिए हम वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले कुछ बातें हैं जिसे स्पष्ट करना है।

उन्होने कहा कि दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प दो बार वार्ता के लिए अपनी राय दे चुके हैं। लेकिन उस पर सरकार की ओर से ईमानदारी के साथ कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं आया है। अब ऐसे में यह कहा जा रहा है कि हम वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। माहौल ऐसा बना है कि हमने कुछ शर्त रखी हैं, लेकिन यह गलत है। हम एक जनवादी माहौल में वार्ता चाहते हैं, शांतिपूर्ण माहौल को कायम रखने के लिए वार्ता चाहते हैं। खून खराबा को रोकने के लिए वार्ता को स्वीकारते हैं।

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