पुरनम नेत्रों से दी गई विदाई...प्रख्यात पत्रकार रमेश नैयर पंचतत्व में विलीन

Farewell given with old eyes, eminent journalist, Ramesh Nayar, merged in Panchatattva, research bench, last journey, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

अंतिम यात्रा में उमड़े लोग, स्व. नैयर के नाम पर एक शोध पीठ स्थापित करने की मांग उठी

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रायपुर (khabargali) प्रदेश के प्रख्यात पत्रकार रमेश नैयर शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। उनकी अंतिम यात्रा उनके समता कॉलोनी स्थित निवास से मारवाड़ी श्मशान घाट पहुँची। वहां बड़ी संख्या में पत्रकार, पूर्व अफसर, राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, कारोबारी और समाज के विभिन्न तबकों के लोग शामिल हुए। इस दौरान पूरा माहौल रमेश नैयर अमर रहें के नारे से गूंज उठा। उनके बड़े बेटे संजय नैय्यर ने उन्हें मुखाग्नि दी। संदीप व परिजन भी साथ रहे।

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व्यक्तित्व और पत्रकारिता से जुड़े उनके कामकाज को याद किया गया

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वहां हुई एक शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकारों और गणमान्य लोगों ने स्व. रमेश नैयर से अपने संबंधों और उनके व्यक्तित्व को लेकर चर्चा की। लोगों ने रमेश नैयर के व्यक्तित्व और पत्रकारिता से जुड़े उनके कामकाज को याद किया। उपस्थित लोगाें ने रायपुर के महापौर एजाज ढेबर से रमेश नैयर के नाम पर एक शोध पीठ स्थापित करने की मांग की।

वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे ने कहा, उनकी शैली इतनी विनोदी थी कि रिव्यू भी इस ढंग से करते कि जो कहना है वह कह दिया जाए और सामने वाले के मन को चोट भी न पहुंचे। वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार ने कहा, अलग-अलग अखबारों में काम करने के बावजूद वे लोग रोज काम के बाद मिला करते थे। वरिष्ठ पत्रकार गोपाल वोरा ने अपने दफ्तर में रोजाना शाम को होने वाली बैठक व नैयर जी की सक्रियता को याद किया। गिरीश पंकज, सुभाष मिश्रा, कौशल शर्मा, सुशील त्रिवेदी, रमेश शर्मा ने भी अपनी बात शोक सभा में कही।

बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर का 2 नवंबर को निधन हुआ था। कई अखबारों के संपादक रहे रमेश नैयर के निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। उनके निधन पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया था। रमेश नैयर देश-प्रदेश में अपनी कलम का लोहा मनवाने वाले पत्रकारों में से एक थे। उन्हें प्लानमेन मीडिया हाउस ने ‘रत्न—छत्तीस’ के गौरव से भी सम्मानित किया था। ‘देशबंधु’, ‘युगधर्म’, ‘एमपी क्रॉनिकल’, ‘लोक स्वर’ ‘ट्रिब्यून’ ,’संडे ऑब्जर्वर’ और ‘दैनिक भास्कर’ में लंबे समय तक पत्रकारिता की।

अंतिम यात्रा में ये रहे शामिल

अंतिम विदाई देने मुख्यमंत्री के सलाहकार रूचिर गर्ग, जनसंपर्क से उमेश मिश्रा, राजेश श्रीवास, पत्रकार बिरादरी से बाबूलाल शर्मा, सनत चतुर्वेदी, आसिफ इकबाल, कौशल किशोर मिश्र, समीर दीवान, नारायण भोई, प्रशांत शर्मा, वीरेन्द्र शुक्ला, ब्रजेश चौबे, रामअवतार तिवारी, जोसेफ जान, रविन्द्र ठेगड़ी, नंदकुमार कंसारी, गिरीश मुक्तिबोध, के एन किशोर, सुदीप ठाकुर, संजय दीक्षित, नारायण शर्मा, संजय शुक्ला, ठाकुर राम साहू, अशोक त्रिवेदी, आर कृष्णादास, संजीव वर्मा, संजीव गुप्ता, चंद्रभूषण मिश्रा, रवि भोई, राजेश जान पाल, त्रयंबक शर्मा, जितेन्द्र शर्मा, दामू आंबेडारे, के.के. शर्मा, एच एस ठाकुर, दीपक पांडे, राजीव वोरा, मोहन तिवारी, प्रफुल्ल ठाकुर, संदीप तिवारी, कमलेश गोगिया, शंकर चंद्राकर, डा. खांडेकर, नवीन अग्रवाल, प्रदीप साहू, शशांक खरे, मयंक ठाकुर, अनिल पवार, अक्षय चौधरी, सुरेन्द्र मिश्रा, राजेश गनोदवाले, संजय खरे, कुलदीप शर्मा, शशांक शर्मा, प्रहलाद दमाहे, संदीप शर्मा, रतन जैसवानी, सुधीर आजाद, एन.धीवर, टिक्कू साहू, प्रधान, पंकज विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे। अन्य क्षेत्रों से पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, पूर्व आईएएस जीएस मिश्रा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री कन्हैया अग्रवाल, अंजय शुक्ला, डा. सुरेश शुक्ला, महेन्द्र ठाकुर, डा. डेग्वेकर, डा. राकेश गुप्ता, हसन खान, मनमोहन अग्रवाल, ओंकार बैस, जितेन्द्र बरलोटा, सजी वर्गीस, भुजीत दोषी, अशोक तोमर, शकील साजिद, सुधीर कटियार, भूपेन्द्र शर्मा, अजय शर्मा, विज्ञापन एजेंसी एसोसिएशन से ओंकार मूदड़, अफसर खान, भीमसेन खन्ना आदि शामिल रहे।

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