रायपुर (khabargali) शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2723 शिक्षकों की पोस्टिंग निरस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अनुमोदन के बाद विभाग ने ये फैसला किया है। वहीं एक आदेश ऐसा तैयार किया गया है कि शिक्षकों को कानूनी राहत की गुंजाइश नहीं के बराबर होगी। इस आदेश में पूरा विवरण दिया गया है कि किस तरह अधिकार न होने के बाद भी ज्वाइंट डायरेक्टरों ने ट्रांसफर प्रतिबंधित होने के बाद भी ट्रांसफर कर दिया। इसमें पांचों कमिश्नरों की जांच का हवाला दिया है, जिसमें सभी ने भ्रष्टाचार की पुष्टि की है।
बता दें कि अधिकार न होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को मनचाही पोस्टिंग दिए जाने पर सरकार ने पहले चार ज्वाइंट डायरेक्टरों सहित 11 अधिकारियों को निलंबित किया था। वहीं विभाग ने शिक्षकों से कहा है कि 10 दिन के भीतर पूर्व पोस्टिंग वाले स्कूलों में ज्वाईन करें, वरना उनका प्रमोशन निरस्त कर दिया जाएगा। प्रमोशन के बाद शिक्षक पोस्टिंग आदेश में संशोधन के नाम पर प्रदेश में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ। यह मामला कितना बड़ा है, इससे ही समझा जा सकता है कि सरकार ने पांच में से चार ज्वाइंट डायरेक्टरों को निलंबित कर दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने संशोधन निरस्त करने के साथ ही अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का ऐलान किया था। पोस्टिंग निरस्त करने के लिए समन्वय में फाइल भेजी गई थी। मुख्यमंत्री समन्वय के प्रमुख होते हैं। उन्होंने इस नोटशीट पर दस्तखत कर दिया है।
किन संभागों में कितने पदस्थापना हुई निरस्त
रायपुर संभाग से 543 इस संशोधन आदेश निरस्त
बिलासपुर संभाग से 799 संशोधन आदेश निरस्त
दुर्ग संभाग से 437 संशोधन आदेश निरस्त
सरगुजा से 385 संशोधन आदेश निरस्त
बस्तर से 558 आदेश को किया गया निरस्त
प्रदेश शिक्षक महासंघ ने शासन का आभार प्रकट किया
वहीं इस आदेश के बाद छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक महासंघ के संयोजक एवं प्रदेश शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष राजनारायण द्विवेदी ने कि संशोधन आदेश निरस्त करने से आखिरकार सत्य की जीत हुई है। इससे काउंसिलिंग के आधार पर दूरस्थ क्षेत्रों में आदेश का पालन करते हुए तत्काल जॉइन करने वाले सैकड़ों शिक्षकों को राहत मिली है। प्रदेश शिक्षक महासंघ ने शासन का आभार प्रकट किया है।
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