दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में आयोजित श्रीराम कथा में संत श्री विजय कौशल महाराज

संसार में कोई किसी का खास नहीं हैं, नि:स्वार्थ है तो केवल भगवान

अपराध किसी का करते हैं और क्षमा किसी और से मांगते हैं

रायपुर (khabargali) भगवान केवल इतना चाहते हैं कि जीवन में कोई एक बार यह कह दे कि प्रभु मैं आपका ही हूं, लेकिन मनुष्य यहीं नहीं कर पाता है। संसार में सभी यह समझते रहते हैं कि ये खास है - वो खास है, लेकिन कोई किसी का खास नहीं होता है जब तक नोटों की गड्डी मिलते रहती है खास है, अन्यथा खांसते हुए निकल जाते हैं। नि:स्वार्थ रूप से यदि आपका कोई है तो वह है केवल प्रभु। मरते समय आपका मन कहां हैं, उसके अनुसार उसका अगला जन्म होता है।