रायपुर (khabargali) अदाणी फाउंडेशन ने अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (एएसडीसी) द्वारा महत्वापूर्ण सफलता हासिल करने को लेकर जश्न मनाया। अपने साढ़े तीन साल के कार्यों में, इसने विभिन्न कौशल के लिए 50,000 लोगों को प्रशिक्षित किया है और 9 राज्यों में 45 पाठ्यक्रमों के माध्यम से 65 प्रतिशत आजीविका पैदा की है। कार्यक्रम बड़े धूम-धाम से मनाया गया।
कार्यक्रम में टीम को मार्गदर्शन और प्रेरित करने के लिए डॉ. प्रीति जी. अदाणी, चेयरपर्सन, अदाणी फाउंडेशन के साथ सुश्री शिलिन आर. अदाणी, ट्रस्टी और डॉ. मलय आर. महादेविया, डायरेक्टपर, अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेन्टर भी उपस्थित थे। अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेन्टर के प्रमुख जतिन त्रिवेदी ने ने अतिथियों का स्वागत किया। श्री वसंत गढ़वी, डायरेक्टअर (अदाणी फाउंडेशन) और एक्जिहक्यूाटिव डायरेक्टरर (स्किल डेवलपमेंट सेन्टर) ने मुख्य् भाषण दिया। कार्यक्रम के लाभार्थियों ने भी बताया कि सेन्ट र से प्रशिक्षण प्राप्तं करके निकलने के बाद उनके जीवन में कैसे बदलाव आया है।
इवेंट में नॉन-डोमेन एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स पर एक किताब भी लॉन्च की गई। इस अवसर पर डॉ. प्रीति जी. अदाणी ने कहा कि “अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर की यात्रा, सामान्य व्यक्तियों को बेहतर मानव में बदलने की यात्रा है। हमारी मजबूत और दोहराये जाने वाले मॉडल आज देश की सबसे बड़ी कौशल विकास कंपनियों में से एक है।”
गैर-लाभकारी कंपनी, एएसडीसी, भारत का पहला कौशल प्रशिक्षण केंद्र है जो संवर्धित वास्तविकता पर आधारित सिम्युलेटर के जरिये 3डी प्रिंटिंग, सिम्युलेटर-आधारित क्रेन ऑपरेटर और वेल्डिंग जैसे पाठ्यक्रम संचालित करता है। एएसडीसी जिन शीर्ष पांच क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करता है, उनमें आईटी, हेल्थकेयर, परिधान, ब्यूहटी एवं वेलनेस और निर्माण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता, जनरल ड्यूटी सहायक (जीडीए), स्व-नियोजित टेलर एवं और सिलाई मशीन ऑपरेटर, ब्यूटी थेरेपिस्ट, पेडिक्यूरिस्ट और मैनिक्यूरिस्ट और सहायक इलेक्ट्रीशियन शामिल हैं।
गोड्डा में फूलो झानो सक्षम आजीविका सखी मंडल 17 जगहों पर संचालित होता है और झारखंड के गोड्डा की 1600 महिलाओं को लाभान्वित किया है, जिनको एएसडीसी के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया है। गोड्डा के जिला प्रशासन के सहयोग से अदाणी फाउंडेशन ने 3 मेगा गारमेंट उत्पादन केन्द्र् की स्थापना की है, जहां महिलाओं को विभिन्न वस्तुओं जैसे स्कूल यूनिफॉर्म और बैग आदि की सिलाई करने में शामिल किया जाता है। आजकल राज्य सरकार द्वारा आदिवासी महिलाओं के प्रति भरोसा जताया गया है और उनको अगले पांच वर्षों के लिए जिले के सभी सरकारी स्कूली बच्चों की स्कूल वर्दी का उत्पादन करने का काम सौंपा गया है। यह ऑर्डर 50 करोड़ रुपये से अधिक का है।
एएसडीसी क्षेत्र की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए हस्तशिल्प को पुनर्जीवित कर रहा है। इसने समुदाय के महिलाओं के एक समूह को प्रशिक्षण देकर ‘आरम्भ’ कार्यक्रम के अंतर्गत गुजरात के मुंद्रा में एसयूएफ एवं नाम्दां हस्तशिल्प के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुजरात के भुज में युवा विधवा महिलाओं जैसे हाशिए पर रहने वाले समूहों को रोगी देखभाल और सहायता (जनरल ड्यूटी असिस्टेंट कोर्स) में प्रशिक्षित किया जा रहा है और उन्हें विभिन्न प्रतिष्ठित अस्पतालों में सफलतापूर्वक नियुक्ता किया गया है। इसने विकलांग (दिव्यांग) और विधवाओं जैसे हाशिए के वर्गों को भी प्रशिक्षित किया है।
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