बड़ी खबर: कानपुर का "कातिल" कुख्यात विकास दुबे को उज्जैन महाकाल मंदिर से पकड़ा गया..कब- क्या हुआ..पढ़े

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उज्जैन /कानपुर (khabargali) कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी 5 लाख का ईनामी कुख्यात विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। वहीं गुरुवार सुबह को विकास के दो और साथी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं। सूचना के अनुसार विकास दुबे की ससुराल उज्जैन में हैं। इससे पहले मीडिया को विकास की माँ ने बताया कि विकास हर साल उज्जैन जाता था। बताया जा रहा है कि कल रात वह उज्जैन के ही एक होटल में रुक था। बहरहाल आज सुबह की घटना के अनुसार विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर में पहुँचता है और विकास ने गुरुवार सुबह बाबा महाकाल के दर्शन के लिए वीआईपी एंट्री के लिए 250 रुपए की रसीद कटवाई। इस दौरान उसने अपना सही नाम विकास दुबे ही लिखवाया। इसके बाद वह महाकाल बाबा के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में पहुंचा। दर्शन के बाद विकास वहां मौजूद जवानों के पास गया और बोला कि मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं, मुझे पकड़ लो। उधर, विकास को पकड़वाने वाले सिक्योरिटी गार्ड गोपाल सिंह ने बताया,‘‘मैंने शक होने पर उसे पूछताछ के लिए रोका तो वह आनाकानी करने लगा। मुझे और ज्यादा शक हुआ, तो मैंने पुलिस को बुलाया। इस पर उसने मेरे साथ झूमाझटकी की। थोड़ी देर में पुलिस आई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जैसे ही उसे पकड़ा विकास दुबे लगातार चिल्लाते कहते रहा कि मैं विकास दुबे हूँ कानपुर वाला, इन्होंने मुझे पकड़ लिया।’’ ऐसा कहा जा रहा है कि वह पूरी "तयशुदा" प्लान के अनुसार सरेंडर करने गया था क्योंकि उसे भी पुलिस द्वारा एनकाउंटर होने का डर था।

प्रभात उर्फ कार्तिकेय मिश्रा का एनकाउंटर

दो आरोपी श्रवण और अंकुर को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया था, जबकि कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद आरोपी प्रभात उर्फ कार्तिकेय मिश्रा को यूपी पुलिस के हवाले किया जाना था। इसी के लिए उसे फरीदाबाद से कानपुर लाया जा रहा था। आईजी रेंज कानपुर ने बताया कि प्रभात ने रास्ते में ही पुलिस के चकमा देकर भागने की कोशिश की जिसके कारण उसका एनकाउंटर किया गया।

एनकाउंटर में बऊआ दुबे भी ढेर

वहीं एक अन्य एनकाउंटर में विकास का साथी बऊआ दुबे भी मारा गया है। पुलिस ने इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र में उसका एनकाउंटर किया। बऊआ दुबे अपने तीन अन्य साथियों के साथ एक एक स्विफ्ट डिजायर कार को लूटकर भागने के प्रयास में था। इसी दौरान कचौरा रोड पर पुलिस ने उसे रोका तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें बऊआ दुबे मारा गया। हालांकि उसके तीन साथी भागने में कामयाब रहे। बऊआ के पास से पुलिस को पिस्टल मिली है।

कानपुर एनकाउंटर में शहीद CO के परिवार का आरोप- विकास दुबे को मौत से बचाया गया

उत्तर प्रदेश के मोस्टवांटेड गैंगस्टर और कानपुर में आठ पुलिस जवानों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को गुरुवार की सुबह उज्जैन की पुलिस ने गिरफ्तारी पर कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए CO देवेंद्र मिश्रा के परिवार ने सवाल उठाए हैं। देवेंद्र मिश्रा के भाई कमलाकांत मिश्रा ने कहा, 'ये गिरफ्तारी नहीं है बल्कि उसे मौत बचाया गया है। देवेंद्र मिश्रा के परिजनों ने कहा, "एक दिन पहले उसे फरीदाबाद में देखा गया। अगले दिन वह सुरक्षित उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंच जाता है, जबकि फरीदाबाद से उज्जैन की 12 घंटे की रास्ता है। विकास दुबे का नेटवर्क एक्टिव है. सारे राज्यों की पुलिस और एसटीएफ के अलर्ट रहते हुए भी वो महाकाल मंदिर पहुंच गया। वहां जाकर दर्शन की टिकट कटवाता है। ये कैसे संभव है? इसके बाद जब पुलिस वहां पहुंचती है तो मीडियावालों को लेकर जाती है। क्या ऐसे ही होती है गिरफ्तारियां?"आठ पुलिसकर्मियों की हत्या अकेले विकास दुबे या उसके गैंग ने नहीं की है. उसके साथ और दूसरे लोग भी शामिल थे, जो अबतक उसे बचाते रहे। उन्हीं की सलाह पर उसने सरेंडर भी किया है। इसको मैं पकड़ना नहीं कहुंगा। असल में उसे मौत से बचाया गया है। उसे विश्वास था कि उसे बचा लिया जाएगा."

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