बीजेपी के 43 नेताओं को मिली कई कैटेगरी की सिक्योरिटी, जानें इस लिस्ट में कौन- कौन

43 BJP leaders got security of many categories.  Know who is in this list, after target killing, BJP leaders had demanded security from Home Minister Shah, Bastar, Naxalite, Chhattisgarh, Khabargali

टारगेट किलिंग के बाद भाजपा नेताओं ने गृहमंत्री शाह से की थी सुरक्षा की मांग

कांग्रेस ने पूछा- अन्य दलों को कब मिलेगा ?

जगदलपुर (khabargali) छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर संभाग में भाजपा नेताओं की टारगेट किलिंग के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्‍तर संभाग के 43 नेताओं को एक्‍स श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। मार्च महीने के पहले सप्ताह में ही नक्सलियों ने बीजापुर में भाजपा के दो नेताओं की हत्या कर दी है, जिसके बाद संवेदनशील क्षेत्र के भाजपा नेताओं में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। बस्तर पुलिस ने भी भाजपा नेताओं के सुरक्षा की समीक्षा शुरू कर दी है। पुलिस आसूचना व राजनीतिक दलों से विमर्श के आधार पर भी सुरक्षा का आकलन कर रही है। ऐसे में कुछ नेताओं की सुरक्षा समीक्षा के बाद बढ़ाई जा सकती है।

बीजापुर जिले में भाजपा नेता तिरुपति कटला व कैलाश नाग का बीते सप्ताह नक्सलियों ने हत्या कर दी है। बस्‍तर में हत्याओं के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में डर- बीजापुर जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार कहते हैं कि इन हत्याओं के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में डर है। कई नेता रात में घर छोड़कर छिपकर रह रहे हैं और कुछ कार्यकर्ता तो तेलांगना व आंध्रप्रदेश पलायन कर गए हैं। वे खुद भी कई महीनों से रात में घर नहीं जाते हैं।

बीजापुर से एक प्रतिनिधिमंडल ने तीन दिन पहले दिल्ली पहुंचकर गृहमंत्री अमित शाह से जिले के नौ भाजपा नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। बीजापुर जिला उपाध्यक्ष लव कुमार रायडु ने रायपुर पहुंचकर गृहमंत्री विजय शर्मा को सुरक्षा बढ़ाने पत्र दिया है। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कई नेताओं को दी गई सुरक्षा चुनाव के बाद हटा ली गई थी। इससे नक्सल क्षेत्र के वे नेता जिन्हें सुरक्षा मिली थी, नक्सलियों के निशाने पर आ गए हैं। इसमें भी बीजापुर में हो रही लगातार हत्या के बाद दंतेवाड़ा, सुकमा जिले के जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा दी गई है पर बीजापुर के भाजपा नेताओं उपेक्षा की जा रही है।

प्रदेश में सर्वाधिक बस्तर में दी गई सुरक्षा

प्रदेश में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों सहित 232 लोगों को सुरक्षा मिली है। इसमें सर्वाधिक उच्च स्तरीय नक्सल प्रभावित बस्तर के जनप्रतनिधियों को दी गई है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री, राज्यपाल व न्यायाधीश टीपी शर्मा सहित 12 लोगों को जेड प्लस की सुरक्षा है, इसमें नौ जनप्रतिनिधि बस्तर के हैं। जेड श्रेणी में प्रदेश के 38 लोगों को सुरक्षा मिली है, जिसमें बस्तर से 26 विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक व नेताओं के रिश्तेदारों को सुरक्षा दी गई है। नारायणपुर के पद्यश्री वैद्यराज हेमचंद मांझी को भी सुरक्षा दी गई है।

बस्तर में इन जनप्रतिनिधियों को मिली सुरक्षा

 जेड प्लस श्रेणी: केदार कश्यप-मंत्री, दीपक बैज-सांसद, कवासी लखमा-विधायक, महेश गागड़ा-पूर्व मंत्री, चंदन कश्यप-पूर्व विधायक, देवती कर्मा-पूर्व विधायक, छविंद्र कर्मा, आशीष कर्मा, दिव्यराज कर्मा।

जेड श्रेणी: विधायक-किरण देव-जगदलपुर, विक्रम उसेंडी-अंतागढ़, लता उसेंडी-कोंडागांव, आशाराम नेताम-कांकेर, नीलकंठ टीकाम-केशकाल, विनायक गोयल-चित्रकोट, लखेश्वर बघेल-बस्तर, विक्रम मंडावी-बीजापुर, सावित्री मंडावी-भानुप्रतापपुर, चैतराम अटामी-दंतेवाड़ा, मोहन मंडावी-सांसद कांकेर, पूर्व विधायक-अनूप नाग-अंतागढ़, संतोष बाफना-जगदलपुर, राजमन बेंजाम-चित्रकोट, संतराम नेताम-केशकाल, मोहन मरकाम-कोंडागांव, ओजस्वी मंडावी, दिनेश कश्यप-पूर्व सांसद बस्तर, कमलचंद्र भंजदेव-बस्तर महाराज, अवधेश सिंह गौतम, सत्यनारायण कर्मा, कवासी लखमा के पुत्र कवासी हरीश व कवासी बोंगे व सुकमा-बीजापुर एसपी व कलेक्टर को सुरक्षा मिली है।

वाय प्लस: सेवकराम नेताम पूर्व विधायक केशकाल, कांग्रेसी नेता बलराम मौर्य, राजकुमार तामो, सत्तार अली, मुन्नाराम मरकाम, जमुना सकनी। वाय श्रेणी: भोजराज नाग, बैदूराम कश्यप, रेखचंद जैन, शिशुपाल सोरी, लच्छूराम कश्यप, सुभाऊ कश्यप, हेमंचद मांझी, अजय सिंह, नंदलाल मुड़ामी को है। इसके अलावा एक्स श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई है।

कांग्रेस ने उटाया सवाल

बीजेपी नेताओं को सुरक्षा देने पर प्रदेश कांग्रेस संचार के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा पर तंज कसते हुए कई सवाल खड़ा किया है। उन्होने कहा कि सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को ही सुरक्षा क्यों? कांग्रेस पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी या अन्य दलों के नेता, कार्यकर्ता जो सार्वजनिक जीवन में बस्तर में काम कर रहे हैं। उनके लिए सुरक्षा आवश्यक नहीं है? उन्होंने आगे कहा कि दलिय प्रतिबद्धता के आधार पर सुरक्षा के मापदंड तय किया जाना चाहिए। यह बेहद ही आपत्तिजनक है। इसके पहले केंद्र सरकार ने भी यही किया था। विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को सिविलाइजेशन की सुरक्षा केंद्र सरकार की ओर से मुहैया कराया गया

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