भाजपा के राजनीतिक प्रस्ताव में प्रदेश कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर फेल

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भाजपा कार्यसमिति में सांसद सरोज पांडेय ने रखा राजनीतिक प्रस्ताव

रायपुर(khabargali) राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने भाजपा कार्यसमिति में राजनीतिक प्रस्ताव रखते हुए इसमें छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया है। इसी के साथ नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार की उपलब्धियों का भी क्रमबद्ध ब्यौरा दिया।

सरोज पांडेय ने कहा, भाजपा की यह प्रदेश कार्यसमिति यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करती है कि उन्होंने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के इस कठिन दौर में भी देश को सशक्त नेतृत्व दिया। उस आपदा को भी अवसर में बदल कर नए भारत ने विश्व में परचम लहराया है। आज भारत की बढ़ती ताकत, वैज्ञानिक उपलब्धियों समेत भारत की सफलता से विश्व अचंभित है। हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। मोदी सरकार द्वारा बीस लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से भारत का स्वाभिमान उन्नत हो रहा है। मोदी जी की सरकार का हालिया बजट भारत के निर्माण का, आत्मनिर्भर भारत, स्वस्थ भारत, मज़बूत भारत का घोषणा पत्र है। केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य मद में 137 प्रतिशत की वृद्धि, छग के 9 शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा, अंबिकापुर, जगदलपुर को जल जीवन अमृत मिशन से जोड़ा जाना, छत्तीसगढ़ में रायपुर से विशाखापत्तनम तक 464 किलोमीटर की 6 लेन सड़क, पर्यटन, व्यापार, परिवहन के लिहाज़ से छत्तीसगढ़ वासियों को फायदेमंद साबित होगी। प्रदेश के बस्तर, बिलासपुर आदि को हवाई सेवा से जोड़ने, ट्रेन एवं राजमार्गों की अनेक योजनाओं के लिए प्रदेश की यह कार्यसमिति मोदी जी की सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करती है।

प्रदेश सरकार पर जम कर किया हमला

कांग्रेस सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने संबंधी अपने महत्वपूर्ण दायित्व के निर्वहन में भी बुरी तरह विफल है। यहां हर चार घंटे में एक बलात्कार और छः घंटे में एक हत्या या ह्त्या के प्रयास की घटनायें हो रही हैं। प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के कारण पीड़ितों को आत्महत्या की कोशिश करनी पड़ रही है। ‘राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र’ विशेष पिछड़ी जन जाति बैगा और पहाड़ी कोरवा सरकारी अभिरक्षा में भी अपनी जान गंवा रहे हैं, पिछले दिनों कोरवा परिवार में सामूहिक दुष्कर्म और ह्त्या की नृशंस घटना से तो ऐसा लग रहा है मानो अब इनका अस्तित्व ही संकट में है। मुख्यमंत्री के स्वयं के विधान सभा की सामूहिक ह्त्या/आत्महत्या की संदिग्ध घटना ने तो छत्तीसगढ़ जैसे शान्ति के टापू कहे जाने वाले प्रदेश को बेहाल कर दिया है।

किसानों को लेकर कांग्रेस की खुली पोल

कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार किसानों एवं अन्य विषय पर झूठ पर झूठ बोलने से प्रदेश में भरोसे का गंभीर संकट पैदा हुआ है। हाल में शासन को यह स्वीकार करना पड़ा कि कांग्रेस बारदाने के मामले पर लगातार जनता से झूठ बोल रही थी। क़र्ज़ के बोझ से दबे किसानों द्वारा सामूहिक आत्महत्या तक करने के लगातार सामने आ रहे मामलों ने प्रदेश में हृदयविदारक परिस्थितियां उत्पन्न कर दी है। प्रदेश में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या की है। फिर भी किसी भी किसान परिवार को एक पैसे की भी अनुग्रह राशि तक प्रदान नहीं की गयी है। किसानों का 300 रूपये प्रति क्विंटल की दर से 2 वर्ष के बकाया बोनस की राशि अब तक अप्राप्त है जिसे सरकार बनते ही दिए जाने का वादा किया गया था। पिछले वर्ष के धान की कीमत का पूरा भुगतान अब तक नहीं किया गया है।

किसानों को कब मिलेगी फसल की पूरी कीमत

इस सीजन के फसल की पूरी कीमत किसानों को कब तक मिलेगी इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहना मुश्किल है। इस साल तो टोकन बांटने के बाद भी किसान अनेक ज़िलों में धान बेचने से वंचित रहे। किसानों ने धान ख़रीदी हेतु बारदाने दिए जिसकी राशि अब तक अप्राप्त है। पिछले वर्ष रबी फसल का क्षति मुआवज़ा और बीमा की राशि से प्रदेश में हज़ारों किसान अब तक वंचित है। शासन द्वारा लगातार धान के रकबा की कटौती की कोशिश जारी रही जिसके कारण भी प्रदेश भर में आक्रोश व्याप्त है।

नियम कायदे ताक पर रख बेतहाशा ख़र्च

प्रदेश में केन्द्रीय योजनाओं की राशि का अनधिकृत मद परिवर्तन, नियम कायदों को ताक पर रख कर बेतहाशा खर्च शासन की पहचान हो गयी है। कैम्पा मद की सैकड़ों करोड़ की राशि का बिना अनुमोदन के, बिना कमिटी गठित किये खर्च कर लेना भयावह है। दुखद तो यह है कि इस मद से दर्ज़नों लग्जरी गाड़ियां तक खरीदी कर ली गयी हैं। इसी तरह डीएमएफ फंड भी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का शिकार हो कर रह गया है।

जंगलराज को प्रश्रय

अपने वन्य और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध रहे छत्तीसगढ़ के वनों में अवैध कटाई, तस्करी, वन्य प्राणियों की ह्त्या समेत हर तरह के जंगलराज को प्रश्रय दिया जा रहा है। कांग्रेस के इस दो वर्ष के शासनकाल में जितनी हाथियों की अप्राकृतिक और संदिग्ध मौत हुई है, उतनी पिछले बीस वर्षों में नहीं हुई थी। बाघों की ह्त्या और तस्करी में पुलिस समेत अनेक विभागों के कर्मियों तक का शामिल होना दुखद है। अवैध कटाई कराते हुए भी शासकीय कर्मी ही रंगे हाथ पकड़े जाते हैं, फिर भी कोई कारवाई नहीं होती। अचानकमार जैसे महत्वपूर्ण रिजर्व में गोठान तक बना दिया जाना इस सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है। जन, जंगल और ज़मीन सभी आज प्रदेश में संकटग्रस्त हैं।

शराब से अवैध कमाई

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि लैंटाना सफाई के नाम पर बस्तर के ऐसे इलाकों से भी रकम के वारे-न्यारे कर लिए गए, जहां लैंटाना नहीं के बराबर है जबकि सरकारे फाइलों में बीस प्रतिशत लैंटाना साफ़ कर देने के दावे किये जा रहे। अवैध शराब के गोदाम के गोदाम पकड़े जा रहे हैं। शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आयी कांग्रेस सरकार ने उलटे इसे अवैध कमाई का बड़ा साधन बना लिया है। विकास के सारे काम ठप हैं, फिर भी जो चुनिंदे केन्द्रीय प्रकल्प चल रहे हैं, उसे भी कांग्रेस भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रही है। जल जीवन मिशन समेत अनेक योजनाओं में प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार इसका उदाहरण है। अनेक ऐसे भी मामले सामने आये हैं जहां मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण कर देने के बाद उसके टेंडर का विज्ञापन जारी हो रहा है। इससे गबन और भ्रष्टाचार का सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

सरकारी जमीनों की नीलामी..तबादला उद्योग

प्रदेश में शासकीय ज़मीनों की नीलामी, तबादला उद्योग, प्रशासन का राजनीतिकरण, राजनीति का अपराधीकरण, अपराधों का औद्योगीकरण इस सरकार की पहचान बन गयी है। तबादला ने तो यहां बाकायदा अपने-आपमें एक संगठित उद्योग का आकार ले लिया है। प्रदेश में लैंड माफिया, सैंड माफिया, शराब माफिया, कोयला माफिया, ड्रग माफिया, जंगल माफिया, हाथी माफिया, टेंडर माफिया, ट्रांसफर और पोस्टिंग माफिया… समेत हर तरह के संगठित गिरोहों की पौ बारह है। इन सभी अपराधियों को न केवल शासकीय संरक्षण है बल्कि अनेक मामले में तो कांग्रेस के नेतागण ऐसे कृत्यों में सीधे भी शामिल हैं। विरोध करने वाले भाजपा के जन प्रतिनिधियों तक के साथ ये लोग बर्बर हिंसा तक से बाज़ नहीं आते।