भारतीय सीमा में चीन के इरादे खतरनाक, कर रहा कंक्रीट के ढांचों का निर्माण

Khabargali desk

बीजिंग(khabargali)। कमांडर लेवल की बातचीत के कई दौर पूरे होने के बावजूद चीन (China) अपनी कुटिल चालों से बाज नहीं आ रहा है. वह बातचीत की आड़ में लगातार तिब्बत में अपनी सैन्य क्षमताएं बढ़ाने में जुटा है.

चीन ने LAC के पास तैनात किए ड्रोन

जानकारी के मुताबिक चीन (China) ने अपने सबसे बेहतरीन ड्रोन भारत (India) की सीमा यानि लाइन ऑफ कंट्रोल के पास तैनात कर दिए हैं. सेटेलाइन तस्वीरें बताती हैं कि ज़िनज़ियांग प्रांत के मलान एयरबेस पर खड़ा एक ड्रोन चीन का सुपरसोनिक ड्रोन हो सकता है. चीन ड्रोन तकनीक में मामले में दुनिया में सबसे आगे होने का दावा करता है और 2018 से सुपरसोनिक ड्रोन पर काम कर रहा है. सुपरसोनिक ड्रोन आवाज़ की रफ्तार से तेज यानि लगभग 1200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.

सेटेलाइटों में दिखे दो खतरनाक ड्रोन

मलान एयरबेस को चीन (China) लंबे अरसे से ड्रोन परीक्षण और निर्माण के काम में लेता रहा है. सेटेलाइट तस्वीरों में दो ड्रोन खास तौर पर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा रहे हैं. इनमें से एक है विंग लूंग 2 ड्रोन जो लंबे समय तक आसमान में रह सकता है. ये ड्रोन 1100 किग्रा तक के वज़न के साथ उड़ान भर सकता है और 200 किग्रा तक अतिरिक्त वज़न यानि विस्फोटक ले जा सकता है.

मलान एयरबेस पर तैनात दूसरा ड्रोन शार्प स्वॉर्ड है जिसे चीन ने 2019 में अपने 70 वें स्थापना दिवस की परेड में प्रदर्शित किया था. शार्प स्वॉर्ड अपने साथ 1000 किग्रा तक विस्फोटक ले जा सकता है और सेटेलाइट डाटा लिंक का इस्तेमाल कर लंबी दूरी के ऑपरेशन करने की क्षमता रखता है.

हमले में भी हो सकते हैं इस्तेमाल

चीन (China) ने 2020 अक्टूबर में स्वॉर्म ड्रोन यानि बहुत बड़ी तादाद में लॉन्च किए जाने वाले ड्रोन की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था. इस तरह के ड्रोन मैदाने जंग में सैनिकों तक दवाएं, रसद या गोलाबारूद तो पहुंचा ही सकते हैं लेकिन इनका हमला करने के लिए भी इस्तेमाल किया सकता है. विस्फोटकों से लदे ये ड्रोन गाइडेड मिसाइल की तरह झुंड में हमला कर सकते हैं. ये हमला किसी फौजी ठिकाने, फौजी कारवां या किसी बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति पर भी किया जा सकता है.

हाल ही में आई एक फिल्म एंजेल हैज़ फॉलेन में ऐसे ही एक हमले को दिखाया गया है. चीन (China) के पास ड्रोन तकनीक में बहुत ज्यादा महारत है और वो इस तकनीक को पाकिस्तान को भी दे रहा है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने कुछ ही दिन पहले विंग लूंग 2 ड्रोन चीन से लिया है और वो इसका इस्तेमाल जासूसी के लिए कर रहा है.

LAC पर लंबे समय तक रहने की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक चीन LAC पर भारतीय क्षेत्रों के पास लंबे समय तक रहने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए उसने अपने सैनिकों के रहने लायक पक्के कंक्रीट ढांचों का निर्माण शुरू कर दिया है. इन दिनों वह सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के पास सैनिकों के लिए स्थायी बुनियादी ढांचे का तेजी से निर्माण कर रहा है. माना जा रहा है कि डोकलाम विवाद के बाद से पीछे हटने से खिसियाया चीन अब पीछे हटने के मूड में नहीं है.

सीमा पर कंक्रीट के ढांचे बना रहा चीन

सूत्रों का कहना है कि उत्तरी सिक्किम के नकुल इलाके से बमुश्किल कुछ किलोमीटर की दूरी पर चीन (China) का एक कंक्रीट स्ट्रक्चर देखा गया है. इसी तरह की इमारतें पूर्वी लद्दाख के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश में भारतीय इलाकों से सटे तिब्बती क्षेत्र में देखी जा रही हैं.

डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि कंक्रीट के पक्के ढांचे बनने के बाद चीन (China) अपने सैनिकों को साल भर यहां आसानी से तैनात कर सकेगा. अब तक अस्थाई शिविरों में रहने के वजह से उसके सैनिकों को ठंड के दिनों में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है. लेकिन अब उसके सामने ये दिक्कत नहीं रहेगी और वह ज्यादा संख्या में यहां पर सैनिक तैनात कर सकेगा.

भारतीय सेना भी कर रही जवाबी तैयारी

जानकारों का मानना है कि युद्ध (India-China Conflict) होने की सूरत में चीन को अपने ड्रोन विमानों का फायदा होगा. वह तेजी के साथ भारतीय (India) सीमा में अपने सैनिकों और ड्रोन को भेज सकेगा. उसने सैनिकों की आवाजाही के लिए तिब्बत में सड़कों के जाल को भी मजबूत किया है. सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना की ओर से हो रहे इन बदलावों पर भारतीय सेना की पैनी नजर बनी हुई है और वह भी अपनी जवाबी तैयारियों को मजबूत कर रही है. (एजेंसी इनपुट ANI)