भ्रष्टाचार के कांग्रेस ने उड़ाई नियमों की धज्जियां:भाजपा पार्षद दल

Raipur Municipal Corporation, Leader of Opposition, Mrs. Meenal Choubey, Senior Councilor Suryakant Rathore, BJP councilor party, Tender online, BJP Raipur District President Jayanti Patel, Deputy Leader of Opposition Manoj Verma, Senior Councilor Mrityunjay Dubey Pramod Sahu, news

टेंडर ऑनलाइन न हो इसके लिए जानबूझ के एक ही टेंडर को कई टुकड़ों में जारी किया गया :मीनल चौबे

रायपुर (khabargali) रायपुर नगर निगम एवं महापौर एवं अधिकारियों की मिली भगत से किए जा रहे भारी भ्रष्टाचार के मामले पर रायपुर नगर निगम से नेता प्रतिपक्ष श्रीमती मीनल चौबे,वरिष्ठ पार्षद सूर्यकांत राठौर, सहित पार्षद दल ने वार्ता को संबोधित करते हुए कहा जोन क्रमांक 10 के अंतर्गत तेलीबांधा थाना चौक से वीआईपी रोड टर्निंग तक डिवाइडर सौंदर्यीकरण को आमंत्रित निविदा के संबंध में यह प्रेस वार्ता आयोजित की गई है। हम सिलसिलेवार कुछ तथ्य आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहे है:-

१. दिनांक26 अक्टूबर को जोन क्रमांक 10 से जनसंपर्क अधिकारी नगर पालिक निगम के नाम एक ज्ञापन जारी किया जाता है जिसके साथ निविदा आमंत्रण सूचना की प्रति संलग्न है। जिसकी एक प्रति महापौर जी को भी भेजी जाती है। संलग्न निविदा में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि उपरोक्त कार्यो में मैनुअल पद्धति से निवेदाआमंत्रित की जाती है। और उपरोक्त लगभग दो करोड़ के कार्य को 12 भागों में ऐसा बांटा गया जिसमें ऑनलाइन टेंडर की गुंजाइश न रहे। मेरे साथियों 30 अक्टूबर को एक अखबार में इस निविदा आमंत्रण का प्रकाशन होता है उसके बाद फाइल मुख्यालय में तकनीकी स्वीकृति के पश्चात वित्तीय स्वीकृति के लिए जाती है। जिसमें अनटाइड फंड से माननीय महापौर महोदय एवं आयुक्त महोदय के दस्तखत से आगे की कार्यवाही के लिए फाइल भेजी जाती है।

२. हमारा पहला सवाल है राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश है कि एक ही प्रकार के कार्य के लिए अलग-अलग टेंडर करना निषेध है के बावजूद समान प्रवृत्ति के कार्य का 12 अलग-अलग टेंडर क्यों किया गया महापौर और आयुक्त के हस्ताक्षर वाली वित्तीय स्वीकृति यह साबित करती है कि दोनों ने राज्य शासन के आदेश की अवहेलना की। और इसके पीछे मंशा यही थी कि उपरोक्त कार्य का टेंडर मैनुअल हो ऑनलाइन ना हो। दूसरी प्रमुख बात यह है कि नगरीय प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि प्रशासकीय अनुमोदन हेतु आवश्यक सर्वेक्षण, अनुसंधान, परीक्षण, अध्ययन,आदि पूर्ण रूप से संपन्न कर एवं आवश्यक डिजाइन, ड्राइंग,तैयार कर प्रतिवेदन होना चाहिए | जिस दिन समाचार पत्र में 30 अक्टूबर को निविदा आमंत्रण का प्रकाशन होता है उस दिन कार्य स्थल पर निर्माण कार्य आधा से ज्यादा हो चुका था। क्या अधिकारियों ने यही सर्वेक्षण किया। अधिकारियों की जानकारी में ठेकेदार वहां काम कर रहा था और ठेकेदार को वर्क आर्डर देने की पूरी तैयारी थी। जिसके इशारे पर इस प्रकार का कृत्य किया गया महापौर और आयुक्त अगर इसमें संलिप्त नहीं है तो ऐसे दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे?

३. साथियों जिस स्थल पर उपर्युक्तकार्य होना था वहां NHAI कि संपत्ति है। बिनाNHAI की सहमति पत्र के जोन से टेंडर निकालना असंवैधानिक है। बिना NHAIकी सहमति पत्र के आयुक्त और महापौर के वित्तीय स्वीकृति के दस्तखत के उपरांत जोन से टेंडर प्रक्रिया करना असंवैधानिक है। और तो और साथियों आश्चर्य की बात है कि फाइल की नस्ती में जो कालम है भूमि स्वामित्व व हस्तांतरण उसमें रिमार्क लिखा जाता है की आवश्यकता नहीं है । इस प्रकार नियम कानून की धज्जियां उड़ाना कांग्रेस द्वारा ही संभव है पूरी तरह से महापौर इसमें शामिल है । निगम की उपरोक्त कार्य प्रणाली के संज्ञान में आने के बाद कहां जाता है कि उपरोक्त कार्य क्रेडाई के द्वारा करवाया जा रहा है। क्या क्रेडाई शहर में कहीं भी कभी भी अपने मन से काम कर देगी । जब क्रेडाई वहां काम कर रही है तो नगर निगम अनटाइड फंड से लगभग दो करोड़ की स्वीकृत राशि का भुगतान किसको किया जाना था? शहर की जनता और चुने हुए प्रतिनिधि को इतना अज्ञानी और अनपढ़ समझने की भूल मत करिए।

४. अगर नगरनिगम की कार्यप्रणाली ठीक नहींहै तो प्रशासनिक मुखिया होने के नाते आरोप आप पर लगेंगे आयुक्त महोदय। जो करना है कर लो , जहां जाना है चले जाओ, ऐसा कह कर हमे डराया नही जा सकता । नगर निगम की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली का दूसरा उदाहरण रावतपुरा फेस टू के नाली निर्माण का काम है। 17 मई को उपरोक्त स्थल पर नाली एवं रोड निर्माण का कार्य जो कि लगभग एक करोड़ का था उसे भी टुकड़ों टुकड़ों में तोड़ा गया और 5 अलग-अलग पार्ट में टेंडर निकाला गया और एक ही व्यक्ति को काम दिया गया। कायदे से उपरोक्त कार्य का भी सिंगल टेंडर हो सकता था पर ऑनलाइन से बचने के लिए कार्य को विभाजित किया गया।आश्चर्य की बात है कि इसी वार्ड के एक भाग में 14वे वित्त आयोग से गत वर्ष लगभग दो करोड़ का कार्य हुआ उसे भी 16 अलग-अलग भागों में बांटा गया और मैनुअल टेंडर किया गया। हमने जो भी कहा हमारे पास उसके सारे दस्तावेज हैं और इन सारे दस्तावेज के साथ पार्षद दल संगठन के नेतृत्व में उपरोक्त कार्य शैली की शिकायत EOW को दर्ज करा रहे हैं|

वार्ता में भाजपा रायपुर जिलाध्यक्ष जयंती पटेल, उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा ,वरिष्ठ पार्षद मृत्युंजय दुबे प्रमोद साहू माजूद रहे।

Category