छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने इस विकट परिस्थिति से निपटने के लिए 10 महत्वपूर्ण सुझाव दे कर पीएम से संज्ञान लेने का आग्रह किया

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रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी ने आज बुलेटिन निकाल कर इस विकट परिस्थिति से निपटने के लिए इस बुलेटिन के माध्यम से भारत सरकार को निम्नलिखित 10 सुझाव दिया है। छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने माननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन किया है कि इस पर संज्ञान लेने का कष्ट करें।

आज के बुलेटिन के प्रमुख अंश :

प्रिय साथियों, आज का बुलेटिन एकदम अलग है तथा मैं शुरू में ही निवेदन करूंगा कि आप इसे लंबा होने के बावजूद पूरा पढ़ें तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों से शेयर भी करें। वर्तमान के लॉकडॉउन एवं उसके बाद अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हमें बड़े फंड की जरूरत पड़ेगी। एक अनुमान के अनुसार करीब Rs. डेढ़ से दो लाख करोड़ की जरूरत पड़ेगी। अतः छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी आज इस विकट परिस्थिति से निपटने के लिए इस बुलेटिन के माध्यम से भारत सरकार को कुछ सुझाव दे रही है।

एक पुरानी कहावत है When the going gets TOUGH the TOUGH get GOING . हम भारतीयों को प्रतिकूल परिस्थितियों में जीने का बहुत तजुर्बाँ है। इसलिए हम प्रतिकूल हालातों में बेहतर सिद्ध होते हैं।

1. हमारे समाज में दान देने की अकूट प्रवृत्ति है और इसीलिए PMCARES, CM Funds एवं विभिन्न सामाजिक कार्यों में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। हर कोई जरूरतमंद की सहायता करना चाहता है बगैर यह सोचे की लॉकडाउन खुलने के बाद उसकी आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी।

2. भारतीय स्वभाव से ही इनोवेटिव होते हैं। यहां गांव-गांव में घर-घर पर कपड़े के मास्क बनने लग गए हैं। अब CDC ने भी कपड़े के मास्क को मान्यता दे दी है। इसके विपरीत अमेरिका जैसे महाशक्तिशाली देश में नर्सेज को सिंपल सर्जिकल मास्क मुहैया नहीं हो पा रहे हैं।

3. अमेरिकी महाद्वीप एवं यूरोप के विभिन्न देशों में सुपर स्टोर खाली हो गए हैं तथा लूटपाट की स्थिति बन गई है किंतु 130 करोड़ की जनसंख्या होने के बावजूद हमारे यहां ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। इसका मुख्य कारण हमारी जीवन शैली में अपरिग्रह की आदत है। अपरिग्रह अर्थात जितना जरूरी है उतना ही संचय करना गैर जरूरी चीजों को इकट्ठा नहीं करना खासकर खाने-पीने की चीजों को। संक्षेप में हम भारतवासी दानवीर हैं, इनोवेटिव हैं तथा अपरिग्रह का पालन करते हैं किंतु फिर भी हम थर्ड वर्ल्ड कंट्री हैं क्योंकि हम वेस्ट (Waste) बहुत करते हैं। हम भोजन बर्बाद करते हैं, पेट्रोल वेस्ट करते हैं, समय बर्बाद करते हैं और अक्सर अपॉर्चुनिटी भी वेस्ट कर देते हैं। PMCARES फंड के साथ भी यह वेस्ट होने वाला डर हमें सताता रहता है इसलिए करोड़ों लोग अभी दान देने हेतु आगे नहीं आ रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी निम्नलिखित 10 सुझाव दे रही है तथा माननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन करती है इन पर संज्ञान लेने का कष्ट करें:

जैसा की आप सबको विदित है कि वर्तमान में करीब 4500 कोरोनावायरस के केसेस में से करीब-करीब 1/3 मरीज करीब 1500 केसेस तबलीगी जमात के मरकत से उत्पन्न हुए हैं। यह एक साजिश है अथवा नहीं वहां अलग मुद्दा है लेकिन बहुसंख्यक लोग यह नहीं चाहते कि उनकी मेहनत की कमाई का पैसा ऐसे लोगों पर खर्च हो जिनका देश की कानून व्यवस्था एवं संविधान पर कोई विश्वास नहीं है। अत:

 1. पहला सुझाव: केंद्र सरकार तबलीगी जमात निजामुद्दीन मरकज पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाए तथा उसके सारे अकाउंट सीज करें। तबलीगी जमात के लोगों के इलाज पर, उनको पकड़ने पर, उनकी सिक्योरिटी पर एवं उनके क्वॉरेंटाइन करने पर जो खर्चा सरकार को आ रहा है वह 7 दिनों के भीतर विशेषाधिकार के तहत केंद्र सरकार निजामुद्दीन मरकज से वसूले तथा विभिन्न देशद्रोह के नियमों के तहत उन पर कार्रवाई करें। इससे ईमानदारी से काम करके अपनी मेहनत के पैसे को *PMCARES* फंड में दान देने हेतु आम आदमी का मन उत्साहित होगा एवं इससे मैसेज बहुत अच्छा जाएगा। इतना ही नहीं भविष्य में असामाजिक तत्व अवांछनीय हरकत करने से बाज आएंगे।

2. दूसरा सुझाव: PMCARES का एक APP बनना चाहिए जो TWITTER जैसा हो । जिसमें कम से कम निम्नलिखित फीचर्स हो -

A. अगर कोई व्यक्ति ₹10 भी दान करता है तो उसे उसके नाम से दिखे।

B. टॉप ट्रेंडिंग में बड़े दानदाताओं के नाम अलग से दिखे

C. फ्रंट स्क्रीन पर कलेक्शन का लाइव स्कोर बोर्ड दिखे

D. विभिन्न प्रदेश सरकारों का प्रपोजल एवं विभिन्न कार्यों में किया गया खर्चा भी इसी ऐप में दिखे

E . अगर किसी का कोई सुझाव है या शिकायत है तो वह अपने आधार कार्ड नंबर एवं पासवर्ड से लॉगिन करके उसे रजिस्टर करा सके एवं उसका फीडबैक भी उसे मिले

F. PMCARES APP से हर दानकर्ता को एक सर्टिफिकेट मिले जिसे वह डाउनलोड करके अपने शोकेस पर रख सकता है

G. सर्टिफिकेट का कैटेगरी ब ब्रोंज, सिल्वर, गोल्ड, प्लैटिनम इत्यादि हो सकता है। इस ऐप को मूर्त रूप देने के लिए छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी की तरफ से हम वॉलिंटियर करते हैं।

3. तीसरा सुझाव: वर्तमान में करीब हमारे 788 सांसद एवं 4123 MLA हैं। एक सांसद को अमूमन पांच करोड रुपए सांसद निधि MPLADS के तहत अपने क्षेत्र के विकास हेतु दी जाती है वही यह राशि एमएलए के लिए विभिन्न राज्यों में 1 से 3 करोड रुपए हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि केंद्र सरकार करीब-करीब 10,000 करोड़ रुपए का प्रावधान MPLADS फंड के लिए करती है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गतवर्ष 5275 करोड़ रुपए का उपयोग इस फंड के तहत नहीं हो पाया था। विभिन्न समाचार एजेंसी द्वारा समय-समय पर किए गए शोध से पता चलता है कि इस राशि के उपयोग का कई राज्यों में उचित ऑडिट भी नहीं होता है। अतः हमारा केंद्र सरकार से निवेदन है कि वे अगले 3 साल तक इस फंड को पूरा का पूरा PMCARES में ट्रांसफर कर दें।

4. चौथा सुझाव: सांसदों एवं विधायकों के संदर्भ में है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान संसद में 475 करोड़पति सांसद हैं और ऐसे अनगिनत विधायक भी होंगे। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी का समस्त सांसदों एवं विधायकों से निवेदन है कि वे स्वेच्छा से कम से कम 1 वर्ष की तनख्वाह पेंशन तथा अन्य सुविधाओं को #PMCARES फंड में DONATE कर दें। इससे जनता में अत्यधिक उत्साह जागेगा और यह छोटा सा काम देश के हर व्यक्ति को दान देने हेतु प्रोत्साहित करेगा।

5. पांचवा सुझाव: देश में जितनी राजनीतिक पार्टी हैं जैसे बीजेपी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, आप, बहुजन समाज पार्टी समाजवादी पार्टी इत्यादि वह आगे आए और अधिक से अधिक पैसा PMCARES फंड में डोनेट करें। क्योंकि यह देश वासियों का देश वासियों के लिए ही पैसा है इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में अत्याधिक जोश एवं देश प्रेम जागेगा।

6. छठवां सुझाव: हमारे मंदिरों के ट्रस्ट ने PMCARES FUND में दान देना शुरू कर दिया है। हम यह कहना चाहते हैं कि हमारे मुस्लिम, ईसाई, जैन, बौद्ध, सिख भाई भी किसी से कम नहीं है। मुस्लिम वक्फ बोर्ड, मिश मिशनरीज, जैन ट्रस्ट; सबसे हम आग्रह करते हैं कि वे अधिक से अधिक दान दें तथा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार भी इस बाबत पत्र जारी करें तो स्वत: संज्ञान लेते हुए यह सारे धार्मिक संस्थान PMCARES फंड से जुड़ जाएंगे।

7. सातवा सुझाव: हमें आय के नए स्रोत ढूंढने पड़ेंगे। विलासिता की वस्तुएं जैसे शराब, सिगरेट, सिनेमा टिकट, क्रिकेट मैच टिकट, आईपीएल की टिकट इत्यादि पर कम से कम 25% CORONA CESS अगले 2 वर्षों तक लगा देना चाहिए ताकि इन्हें इस्तेमाल करने वाले को भी देश के प्रति अपना योगदान दिखे। वे इससे प्रफुल्लित होंगे । ऐसा करने से किसी को कोई तकलीफ भी नहीं होगी।

8. आठवां सुझाव: जब लाॅकडाउन खुलेगा तथा हम अपने काम पर वापस जाएंगे तो देशभर में हमारे WORKING HOUR एक घंटा बढ़ा दिया जाए। सुबह 10:00 बजे की बजाय 9:00 बजे से ड्यूटी शुरू हो और 8 घंटे की ड्यूटी 9 घंटे करें। ऐसा नियम बनने से देशवासियों को कोई दिक्कत नहीं होगी और यदि हम इसे 1 वर्ष तक लागू कर देते हैं तो अभी वर्तमान में जो हमारा लाॅकडाउन की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी ना केवल भरपाई होगी बल्कि अर्थव्यवस्था बहुत जल्द पटरी पर आ जाएगी।

9. नवा सुझाव : वर्तमान में हमारे चिकित्सा संस्थानों की दशा ठीक नहीं है एवं हमारा बजट एलोकेशन हेल्थ के लिए बहुत कम है। हमारे पास जरूरी संसाधनों की कमी है। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी यह आग्रह करती है कि PMCARES का बहुत बड़ा हिस्सा PPE वेंटीलेटर, अस्पताल के बेड इत्यादि खरीदने में खर्चे होंगे लेकिन DOCTORS की कमी को भी हमें दुरुस्त करना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी आपदा में हमें चिकित्सा कर्मियों की कमी ना हो। इस हेतु हम यह सुझाव देना चाहते हैं कि तत्काल प्रभाव से एमबीबीएस की सीटो को दोगुना कर दिया जाए। पीजी के नियमों में ढील देकर पी. जी., Superspeciality एवं फैकल्टी की सीट्स को दोगुना कर दिया जाए। इसी प्रकार बेड, स्टाफ एवं अस्पतालों की कैपेसिटी को तत्काल प्रभाव से दुगना कर दिया जाए और इसका सारा खर्च शुरुआत के 3 सालों तक PMCARES से हो। इस प्रकार हमारे यहां जो सदियों से डॉक्टरों की कमी की एवं चिकित्सा सुविधा कम होने की समस्या है उसमें सुधार होने लगेगा।

10. दसवां सुझाव: PMCARES एवं सीएम फंड अलग अलग होने से बड़ा कंफ्यूजन होता है अतः हमारा सुझाव है की एक केंद्रीकृत (सेंट्रलाइज) PMCARES फंड होना चाहिए तथा विलासिता के वस्तुओं पर 25% CESS लगने से जो आय होती है वह राज्य सरकारों को स्वत: चली जाए। इसके अलावा PMCARES फंड भी राज्य सरकारों को अलग-अलग मदों पर मदद आवंटित करें।

अंततः छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी की ओर से समस्त सदस्यों से एवं देशवासियों से यह निवेदन करते हैं कि हमारी टीम के उपरोक्त 10 सुझाव जल्द से जल्द प्रशासन तक पहुंचे इस हेतु इस बुलेटिन को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

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